शीघ्र ही छात्र से मिलेगा भाकियू इंडिया का प्रतिनिधिमंडल
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। भारतीय किसान यूनियन इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप तितौरिया ने राष्ट्रपति व प्रदेश के राज्यपाल को अनुसूचित जाति के विद्यार्थी के साथ काशी हिन्दू विश्व विद्यालय वाराणसी में दाखिले में हो रहे भेदभाव के लिए पत्र लिखा है।
उन्होने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र शिवम सोनकर के साथ पी०एच०डी० प्रवेश प्रक्रिया में अन्याय पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। शिवम सोनकर ने वर्ष 2024-25 सत्र के लिए पी०एच०डी० प्रवेश हेतु आवेदन किया था, उनके विभाग में RET EXEMPTED श्रेणी में 03 सीटे खाली है, जबकि RET मोड में केवल 02 सीटें उपलबध है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा RET मोड में केवल 02 सीटों पर ही प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि RET EXEMPTED की 03 सीटे खाली होने के बावजूद उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस प्रकार की प्रक्रिया न केवल उच्च शिक्षा में सामाजिक न्याय के खिलाफ है, बल्कि यह दलित छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के साथ भी अन्याय है। यह स्थिति अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों को बाधित करने का एक गंभीर उदाहरण है जो संविधान के समता व सामाजिक न्याय के सिद्धांतो के विपरित है।
दलित छात्र के साथ भेदभाव होना भाजपा की डबल इंजन की सरकार की उच्च परिवार की मानसिकता को दर्शाता है कि समाज में इनके द्वारा कितना जातिवाद फैलाया जा रहा है, आज के हालात देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि बाबा साहब भीमराव अम्बेकडर द्वारा संविधान बनाते समय अल्पसंख्यक, दलित और पिछड़ों के हक के लिए जो व्यवस्था की थी। भाजपा की सरकार इस संविधान को नहीं मान रही और संविधान को खत्म करने पर लगी हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि देश फिर से आजादी से पहले के ऊंच-नीच के भेदभाव की दलदल में फंसता जा रहा हैं।
श्री तितौरिया ने राष्ट्रपति व राज्यपाल से काशी विश्वविद्यालय वाराणसी में दलित छात्र शिवम सोनकर के साथ हो रहे अन्याय की गहन जांच कर उचित कार्यवाही कर दाखिला देने हेतू निर्देशित करने की मांग की।
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