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Tuesday, April 22, 2025

देहली गेट इंस्पेक्टर का पुत्र शुभम शर्मा बना आईपीएस

 


शाहिद खान

नित्य संदेश, मेरठ। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में प्रयागराज की शक्ति दुबे ने प्रथम रैंक (AIR-1) हासिल कर शहर और देश का नाम रोशन किया है। मेरठ की बात करें तो यूपीएससी में देहली गेट इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा के पुत्र शुभम शर्मा ने 130वी रैंक हासिल की है। इस वर्ष कुल 1,009 उम्मीदवारों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं (ग्रुप A और B) के लिए चुना गया है। शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि हर्षिता गोयल ने दूसरा और डोंगरे अर्चित पराग ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।


यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) परीक्षा 2025 का फाइनल रिज़ल्ट घोषित हो गया है। मेरठ के रहने वाले अभिनव शर्मा ने 130वी रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी पहली पसंद आईपीएस ही दे रखी थी। अभिनव के पिता भी पुलिस सेवा में हैं, वो इस समय मेरठ के देहली गेट थाने के प्रभारी हैं। अभिनव के पिता रमेश चंद्र शर्मा कांस्टेबल के तौर पर पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे, फिर सब इंस्पेक्टर का इम्तिहान पास किया और अब इंस्पेक्टर हैं। बचपन से ही अपने पिता को पुलिस की वर्दी में देखने वाले बेटे का सपना भी वर्दी पहनने का था। अभिनव ने आईआईटी पटना से बीटेक किया और उसके बाद वह सिविल सर्विसेज़ की तैयारी में जुट गए। 2021 में वह प्रिलिम्स भी क्लीयर नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।


2022 फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और प्रीलिम्स व मेन्स दोनों क्लीयर किए। साक्षात्कार तक पहुंचे, लेकिन नहीं हो पाया। फिर 2023 में अभिनव ने यूपीएससी परीक्षा का तीसरा अटेम्पट दिया, जिसको उन्होंने पास कर लिया। इंडियन पोस्टल सर्विसेज़ मिली, लेकिन आईपीएस बनने का सपना उनके दिलों दिमाग में छाया हुआ था। इंडियन पोस्टल सर्विसेज़ में छु्ट्टी लेकर वो फिर तैयारी करने में जुट गए। यूपीएससी परीक्षा के चौथे अटेम्पट में वो इस बार देश में 130वी रैंक के साथ सफल हुए हैं। 
 

माता-पिता को बताया रोल मॉडल

अभिनव का कहना है कि उनके रोल मॉडल हमेशा उनके माता पिता रहे हैं। साहित्य से भी गहरा जुड़ाव रखने वाले अभिनव कहते हैं कि उन्हें रश्मिरथी की लाइन बहुत प्रेरित करती है। वो कहते हैं...सूरमा नहीं विचलित होते...क्षणिक नहीं धीरज खोते...कांटों को गले लगाते हैं...विघ्नों में राह बनाते हैं। उन्होंने मधुशाला की पंक्तियां भी सुनाईं।


परिवार में है खुशी का माहौल

अभिनव के पिता इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा अपने बेटे की कामयाबी से ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। वो कहते हैं कि उनके बेटे को सिर्फ पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया। जनरल बोगी में ले जाकर वो बच्चों को बचपन में दिखाया करते थे कि देखो जो नहीं पढ़ते हैं वो कैसे जीवन जीते हैं। फिर एसी बोगी भी दिखाते थे कि जो पढ़ते हैं उनका जीवन कैसा होता है। रमेश चंद्र शर्मा बताते हैं कि उनके बेटे को दुनियादारी नहीं आती। अगर बेटा अदरक लेने जाए और दुकानदार 500 रुपए मांग ले तो वो उतने ही पैसे दे देगा। उनके बेटे को पढ़ाई के अलावा कुछ भाया नहीं, इसलिए उसे आलू, प्याज़, टमाटर का रेट तक नहीं पता।  

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