-संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को शामिल कर सशक्त की पत्रकारिता
अखिल गौतम
नित्य संदेश, मेरठ। भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जहां सामाजिक न्याय और समानता की नींव रखी, वहीं पत्रकारों के अधिकारों को भी मजबूती दी। संविधान में ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल कर उन्होंने पत्रकारिता को एक सशक्त मंच प्रदान किया।
डॉ. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स मेरठ के अध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि “डॉ. अंबेडकर ने पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी देकर उन्हें निर्भीक और निष्पक्ष लेखन का अधिकार दिया। आज अगर पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में कार्य कर पा रहा है, तो इसका श्रेय अंबेडकर जी की दूरदर्शिता को जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान में दिए गए प्रावधानों ने न केवल नागरिकों को बोलने की आज़ादी दी, बल्कि पत्रकारों को भी निडर होकर सत्य सामने लाने की शक्ति प्रदान की। अंबेडकर जी ने यह सुनिश्चित किया कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बनकर जन-हित के मुद्दों को बेखौफ उठाने में समर्थ हो।
अजय चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में संविधान में निहित अधिकारों को समझना और उनके अनुरूप कार्य करना हर पत्रकार का दायित्व है। उन्होंने अपील की कि पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखते हुए डॉ. अंबेडकर के विचारों को जीवन में उतारें और जनसेवा की भावना से कार्य करें। इस अवसर पर पत्रकारों ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
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