नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय
के सर छोटू राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एससीआरआईईटी) में आयोजित
"फार्मर 2025: फ्रंटियर्स इन एडवांस्ड साइंस एंड स्विस रिसर्च फॉर मल्टीडिसिप्लिनरी
इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, एनवायर्नमेंट एंड रिलेटेड साइंसेज" अंतरराष्ट्रीय सेमिनार
का भव्य समापन हुआ। कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने
सतत कृषि, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचारों पर अपने विचार साझा किए।
विशेषज्ञों के विचार:
1. रईस अहमद (कृषि इंजीनियर, किंगडम
ऑफ सऊदी अरब) ने ग्रीनहाउस फसल प्रबंधन पर चर्चा करते हुए जलवायु अनुकूल खेती के तकनीकी
पहलुओं को प्रस्तुत किया।
2. डॉ. उलरिच बर्क (संकाय सदस्य,
यूनिवर्सिदाद फिनिस टेरे, जर्मनी) ने होमा ऑर्गेनिक फार्मिंग और अग्निहोत्र राख के
उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के प्रभावों पर प्रकाश डाला।
3. डॉ. पंकज मदान (गुरुकुल कांगड़ी
विश्वविद्यालय, हरिद्वार) ने एआई, यूआई पाथ और डिजिटल ट्विन्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों
के कृषि और व्यवसाय में उपयोग पर जानकारी दी।
4. डॉ. मनोज कुमार तिवारी (प्रमुख,
सेंटर ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग, आईआईटी कानपुर) ने जल प्रबंधन में जीआईएस
तकनीक की उपयोगिता और डेटा विश्लेषण की भूमिका को रेखांकित किया।
5. डॉ. वीरेंद्र सिंह (आईएफटीएम
विश्वविद्यालय, मुरादाबाद) ने मक्का आधारित बायोएथेनॉल उत्पादन की संभावनाओं पर शोध
प्रस्तुत किया, जिससे जैव-ईंधन उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन
सत्र में प्रो. डॉ. वंनाजन सांगियन ली (मुख्य अतिथि), एमके तिवारी (आईआईटी कानपुर)
और प्रो. संजीव कुमार शर्मा (भौतिकी विभाग) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सम्मेलन
में आईआईटी कानपुर की अनुशंसा पर उन शोधकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए, जिन्होंने
अपने शोध में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यह आयोजन एससीआरआईईटी के सतत नवाचार और तकनीकी
उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
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