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Tuesday, July 1, 2025

भगवान शिव से जुड़े हर प्रतीक में एक गहरी कहानी या किंवदंती छिपी हुई है: नयनेश पारेख


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। शहीद मंगल पाण्डे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधवपुरम एवं न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वाधान में 04 जुलाई तक गूगल मीट के माध्यम से आयोजित “भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ: मार्ग और प्रक्षेप पथ “ विषयक दस दिवसीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

छठे दिवस में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में नयनेश पारेख (मानव संसाधन में वरिष्ठ पेशेवर) ने ‘शिव कथा और नेतृत्व अंतर्दृष्टि: स्वदेशी प्रबंधन ज्ञान का एक अध्ययन’ विषय के ऊपर अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत में न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट संस्थान की ओर से डॉ. निधि सेनदुर्निकर एवं डॉ विकास राजपूत ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा, उद्देश्य व लक्ष्य समस्त के साथ साझा किये।कार्यक्रम संयोजक प्रो. लता कुमार ने मुख्य वक्ता, आयोजन से जुड़े सभी अधिकारीयों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। तत्पश्चात मुख्य वक्ता नयनेश पारेख ने प्रबंधन के विभिन्न आयामों को भगवान शिव के द्वारा कृत कार्यों से सामंजस्य को दर्शाया। आपने बताया कि भगवान शिव से जुड़े हर प्रतीक- जैसे अर्धचंद्र, त्रिपुंड, त्रिशूल, डमरू, रुद्राक्ष और कुंडलित नाग- में एक गहरी कहानी या किंवदंती छिपी हुई है। जबकि विभिन्न पुराण और धार्मिक ग्रंथ अलग-अलग व्याख्याएँ देते हैं। 

उन्होंने सबसे लोकप्रिय संस्करण उन कहानियों को चुना जिन्हें सभी ने बचपन में अपने दादा-दादी से सुना है के द्वारा प्रमुख प्रबंधन सिद्धांतों का विश्लेषण किया । सत्र के दौरान अतिथि वक्ता द्वारा प्रबंधन एवं वर्तमान दौर के ज्ञान का सामंजस्य भगवान शिव के वृतांतों के साथ स्थापित कर सभी प्रतिभागियों को लाभान्वित किया। साथ ही आपने ‘आत्म-चिंतन और विकास’ के विभिन्न नियमों को स्थापित करते हुए प्रबंधन सिद्धांत का प्रस्तुतीकरण किया।

आयोजन के अंत में प्रतिभागियों द्वारा मुख्य वक्ता के साथ विचार विमर्श किया गया। सह संयोजक डॉ. निधि सेनदुर्निकर के द्वारा व्याख्यान का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया । सत्रांत में आयोजन समिति की सचिव प्रो. लता कुमार ने भी सभी अतिथियों कि प्रशंसा की। आयोजन समिति सदस्य डॉ. नितिन चौधरी के द्वारा अतिथियों, अधिकारियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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