नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी "डायग्नोस्टिक माइक्रोबायोलॉजी: इनोवेशंस एंड चैलेंजेज" विषय पर आधारित थी, जिसका संचालन कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के निर्देशन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. ऋषेंद्र वर्मा (मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली), डॉ. अमित कुमार (विभागाध्यक्ष, एनिमल जैव प्रौद्योगिकी, सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ), डॉ. मुकेश कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर, जीव विज्ञान विभाग, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) एवं डॉ. सचिन त्यागी (निदेशक, हेल्थ प्लस डायग्नोस्टिक्स, नोएडा) ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि डॉ. ऋषेंद्र वर्मा ने अपने व्याख्यान में सूक्ष्मजीवों के आइसोलेशन एवं पहचान की नवीनतम तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जंतुओं में पाए जाने वाले संक्रामक रोगों की पहचान और निदान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा की।सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रो. अमित कुमार ने कंप्यूटर तकनीक के माध्यम से सूक्ष्मजीवों की पहचान की आधुनिकतम विधियों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इन तकनीकों के माध्यम से जीवों के बाह्य व आंतरिक परिवर्तनों का प्रभावी अध्ययन किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज से आए डॉ. मुकेश कुमार ने माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोविड-19 के बाद इस क्षेत्र में अनुसंधान की गति तेजी से बढ़ी है। उन्होंने विभिन्न नई तकनीकों और डायग्नोस्टिक किट्स के महत्व पर भी चर्चा की। हेल्थ प्लस डायग्नोस्टिक्स, नोएडा के निदेशक डॉ. सचिन त्यागी ने एंटीबायोटिक दवाओं के अति प्रयोग के कारण सूक्ष्मजीवों में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने छात्रों को अनुसंधान के नए आयामों के प्रति प्रेरित किया और बताया कि सूक्ष्मजीव विज्ञान में नवाचार से चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए जा सकते हैं।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस संगोष्ठी से छात्रों व शोधार्थियों को सूक्ष्मजीवों की भूमिका तथा उनके अध्ययन की नवीनतम तकनीकों की बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम का मंच संचालन दीक्षा एवं निकिता राणा ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सुचारू रूप से संचालित किया। समापन समारोह में संयुक्त सचिव डॉ. दिलशाद अली, डॉ. कपिल स्वामी एवं डॉ. अजय कुमार शुक्ला ने सभी अतिथियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया और अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस अवसर पर डॉ. अश्विनी शर्मा, डॉ. लक्ष्मण नागर, डॉ. अंजलि मलिक, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. दिनेश पवार, डॉ. देवेंद्र कुमार, डॉ. प्रीति, डॉ. पायल सहित कई गणमान्य व्यक्ति, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment