09 अप्रैल को लखनऊ रैली में होगा संघर्ष का
शंखनाद
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। ऊर्जा भवन में हुई बिजली महापंचायत में
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स, विद्युत कर्मचारी
संयुक्त संघर्ष समिति उप्र और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उत्तर प्रदेश
ने बिजली के निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष का ऐलान किया है। बिजली महापंचायत
में हजारों की संख्या में बिजलीकर्मी सम्मिलित हुए।
बिजली महापंचायत में यह संकल्प लिया गया कि किसी
भी कीमत पर बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए बिजलीकर्मी कुछ भी कुर्बानी
करने के लिए तैयार है। आगामी 09 अप्रैल को लखनऊ में होने वाली प्रांत व्यापी विशाल
रैली में निजीकरण के विरोध में निर्णायक आंदोलन के कार्यक्रम घोषित कर संघर्ष का शंखनाद
कर दिया जाएगा। ऊर्जा भवन में हुई बिजली पंचायत में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी
इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के सुभाष लांबा और इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिंह
विशेष रूप से सम्मिलित हुए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के संघर्ष
का समर्थन किया और कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी इस संघर्ष में अकेले नहीं
है। संघर्ष में देश के 25 लाख बिजली कर्मचारी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
यदि संघर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में एक भी बिजली कर्मचारी का दमन किया गया तो देश
के तमाम 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे और आंदोलन प्रारंभ करने के लिए बाध्य
होंगे।
बिजली महापंचायत की अध्यक्षता इं सीपी सिंह एवं
संचालन इं रोहित कुमार ने किया। महापंचायत में उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त
संघर्ष समिति के संयोजक प्र. इं शैलेन्द्र दूबे ने सम्बोधित किया। महापंचायत को इं
जितेंद्र सिंह गुर्जर, महेंद्र राय, पीके दीक्षित, वसीम अहमद, आरवाई शुक्ल, सरजू त्रिवेदी,
योगेन्द्र लाखा, राम निवास त्यागी, भूपेन्द्र सिंह, बहादुर सिंह ने मुख्यतया सम्बोधित
किया।
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