नित्य संदेश ब्यूरो
मुज़फ्फरनगर। मीनाक्षी चौक पर एक
ही टाल को कई लोगों को बेचने के मामले में चल रहे मुकदमे में जहाँ पूर्व में आरोपियों
की अग्रिम जमानत खारिज हुई थी और इसके बाद मुकदमा अपराध संख्या 927/ 2016 की धारा
420, 406, 467, 468, 471 अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है, मुकदमे को लेकर फ़िलहाल
आरोपियों ने कोर्ट से जमानत ले ली थी, लेकिन वही इस मामले में एक और नया मोड़ आया।
आरोपियों ने कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद भी टाल का कुछ हिस्सा तीसरी
पार्टी को फिर से बेच दिया और उन्हें वहां पर जबरन कब्जा भी दिला दिया।
इस मामले में दूसरा पक्ष सलीम का
कहना है कि उन्होंने यह संपत्ति 2012 में खरीद ली थी, लेकिन उन्हें आज तक इस पर कब्जा
नहीं मिला है। दबंग उनसे पैसे लेने के बावजूद भी कब्जा नहीं दे रहे हैं और एक ही संपत्ति
को बार-बार बेचने का प्रयास कर रहे हैं, साथ ही साथ जिस पर विवाद चल रहा था और जिस
संपत्ति को लेकर न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है, उस संपत्ति को फिर से आरोपियों
ने बेचकर तीसरे पक्ष को कब्जा दिया है, जिसको लेकर एक बार फिर से वादी पक्ष सलीम ने
मुजफ्फरनगर न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत कराया है। सलीम का कहना है, न्यायालय ने मुकदमा
संख्या 363/24 सीनियर सिविल जज में इस मुकदमे को गम्भीर माना है। यह मामला अभी तक कोर्ट
में विचारधीन है। अब पीड़ित सलीम ने नगर पालिका मुजफ्फरनगर, तहसीलदार मुजफ्फरनगर व
मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण में एक शिकायती पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों
से यह गुहार लगाई है कि जब तक न्यायालय से जांच पूरी ना हो जाए, तब तक वह इस संपत्ति
की एनओसी किसी को ना दें, क्योंकि उनके साथ बड़ा छल हुआ है। कोर्ट जो भी फैसला करेगा,
वही मान्य होगा, इसलिए कोई भी विभाग बिना जांच पड़ताल करें संपत्ति की एनओसी किसी को
ना दें।
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