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Tuesday, February 18, 2025

'किताबें क्या कहती हैं' या वे किताबों के बारे में क्या सोचते हैं इस पर अपने विचार साझा किए


सपना साहू 
नित्य संदेश, इंदौर। कदम छोटे हो या बड़े रुकने नहीं चाहिए। इसी विचार के साथ साहित्य के क्षेत्र में छोटे-छोटे कदम रखते हुए वामा साहित्य मंच द्वारा साकेत स्थित पुस्तकालय आत्म अनुभूति मंच में पुस्तकें भेंट की गई। 

पुस्तकालय श्री राधेश्याम माहेश्वरी पूरे समर्पण के साथ निःशुल्क संचालित करते हैं। यह 24 घंटे खुला रहता है और इसकी पाठक संख्या बहुत बड़ी है। यहां बहुत सारे नवाचार एवं शैक्षिक कार्य हुआ करते हैं। घर में रखी किताबों को सही पाठकों तक पहुंचाने के लिए यह आयोजन किया गया. एक छोटी सी साहित्य गोष्ठी भी हुई, जिसमें सभी सदस्यों ने 'किताबें क्या कहती हैं' या वे किताबों के बारे में क्या सोचते हैं इस पर अपने विचार साझा किए।  

उषा गुप्ता ने सुनाया- 
ज्ञान का भंडार हैं किताबें
विश्व का खुला द्वार हैं किताबें
अच्छा-बुरा सिखाती हैं किताबें
कभी भीड़ में तनहा तो कभी
तनहाई में दोस्त बनाती हैं किताबें
कभी लगती शीतल बयार
तो कभी चुभती धूप सी किताबें
ना बस तेरी हैं, ना बस मेरी हैं
हम सबकी दोस्त हैं किताबें

सुजाता देशपांडे ने कहा- 
किताबें हैं ज्ञान की तिजोरी,
जीवन के पथप्रदर्शक...
मन को तरोताजा करती,
जीवन में रंगत लाती,
इनसे दोस्ती सबसे अच्छी। 

इंदु पाराशर ने कविता में अपनी बात कही- 
नहीं चाहती सिर्फ दिखावे को, घर में शोभा पाऊं। 
नहीं चाहती ठेलों पर,
रद्दी बनकर बेची जाऊं।
जो भी हैं मेरे प्रेमी गण,
स्वयं ज्ञान का पान करें,
खुद होकर मुझसे लाभान्वित,
पुस्तकालय में दान करें।

अवंती श्रीवास्तव के अनुसार, पुस्तकें हमारी अनन्य मित्र हैं जो सिर्फ आपका साथ चाहती हैं और कुछ नहीं, बदले में वह ना सिर्फ मनोरंजन करती हैं अपितु विचारों को सही दिशा देने की ताकत भी रखती हैं। जहां चाहो ले जाओ, खोलो और एक नए संसार में गोते लगाओ, भाषा ज्ञान की वृद्धि से लेकर अच्छी समझ भी विकसित कर सकती हैं पुस्तकें।

भावना दामले ने कहा कि-  
पुस्तकें मिलाती हैं अपने आप से
पुस्तकें बातें करतीं हैं हमारे मन से 
पुस्तकें होती हैं विचारों का दर्पण
पुस्तकें होती हैं लेखक का समर्पण
पुस्तकें होती है, एक हरी-भरी वाटिका
इसकी दुनिया में खोना सुखद अनुभव है होता...  
  
इस अवसर पर राधेश्याम माहेश्वरी का वामा साहित्य मंच की तरफ से अभिनंदन किया गया और माहेश्वरी जी ने पुस्तकालय के बारे में जानकारी दी. आयोजन में सांसद शंकर लालवानी भी उपस्थित थे. उन्होंने वामा साहित्य मंच के इस कार्य की सराहना की. मंच की तरफ से उनका स्वागत सचिव स्मृति आदित्य ने किया.माहेश्वरी दंपत्ति का स्वागत तनूजा चौबे और उषा गुप्ता ने किया।

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