सड़क सुरक्षा जागरूकता में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका: राघवेंद्र कुमार मिश्र
अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। एनएसएस प्रकोष्ठ स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय और यातायात पुलिस के सौजन्य से "सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला” का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के माखनलाल सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में राघवेंद्र कुमार मिश्र (यातायात पुलिस अधीक्षक) थे। साथ ही यातायात पुलिस समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक यातायात ने एनएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क हादसे वाहन चालकों की लापरवाही के नतीजे हैं। यदि सभी लोग यातायात नियमों का पालन करेंगे तो इन दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में ज्यादातर मृत्यु ऐसे दुपहिया वाहन चालकों की होती है जो हेलमेट का प्रयोग नहीं करते हैं। उन्होने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मृत्यु सिर की चोट के कारण होती है। उन्होंने युवाओं को यह संकल्प लेने के लिए भी कहा कि बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन न चलाएं और यदि परिवार का कोई सदस्य शराब पीकर वाहन चलाता है तो उसके साथ यात्रा न करें। राघवेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर चालान किया जाता है और जुर्माना भी वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि युवा सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए आगे आएं क्योंकि आज का युवा ही कल का भविष्य निर्माता है।
आगे बोलते हुए मिश्र ने कहा कि युवा बिना लाइसेंस के कतई वाहन न चलाएं। उन्होंने चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट के आवश्य रूप से उपयोग पर भी जोर दिया जिससे तेज रफ्तार के दौरान दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवा देश की शक्ति हैं यदि वे नियमों का पालन करेंगे तो इससे समाज में सड़क सुरक्षा का व्यापक संदेश जाएगा। उन्होंने एनएसएस के स्वयंसेवकों से कहा कि वे सड़क सुरक्षा कार्यशाला के दौरान कुछ अच्छे स्लोगन भी डिजाइन करें,जिससे समाज में संदेश दिया जा सके।
इस दौरान यातायात पुलिस मेरठ के उपनिरिक्षक खानचंद ने उपस्थित स्वयंसेवकों को यातायात नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर एनएसएस स्वयंसेवक और बीएनवाईएस की छात्रा कृतिका आहूजा ने कहा कि वे सड़क सुरक्षा जागरूकता की पांच दिनों का प्रशिक्षण ले रही हैं और इस दौरान उनको बहुत सारी नई जानकारी हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इस महत्त्वपूर्ण जानकारी को वे अन्य छात्रों के बीच भी प्रसारित करेंगी।
एनएसएस सुभारती के कार्यक्रम समन्वयक प्रोफे. सुभाष चंद्र थलेड़ी ने इस अवसर पर बताया कि सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों को बराबर प्रशिक्षित किया जाता है, और वे ग्रामीण स्तर तक यह संदेश पहुंचाते हैं। प्रोफे. थलेडी ने बताया कि छात्र-पुलिस अनुभवात्मक अधिगम (एसपीईएल) कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के लगभग चार दर्जन एनएसएस वालंटियर्स विभिन्न थानों में 120 घण्टे का प्रशिक्षण पा रहे हैं जिसमें सड़क सुरक्षा कार्यक्रम प्रमुख रूप से है। उन्होंने मेरठ पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय के छात्रों को भरपूर प्रशिक्षित करने में योगदान दे रहे हैं।
इससे पहले यातायात पुलिस अधीक्षक राघवेंद्र कुमार मिश्र ने "छात्र-पुलिस अनुभवात्मक अधिगम"(एस पी ई एल) कार्यक्रम की समीक्षा भी की, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के 47 छात्र कंकरखेड़ा, जानी, टीपीनगर और परतापुर थानों में पंजीकृत हैं। इन सभी थानों के अधिकारियों और पुलिस प्रशिक्षकों को उन्होंने निर्देश दिए कि एनएसएस के प्रशिक्षणरत स्वयंसेवकों को सम्पूर्ण जानकारी दें और उनको पुलिसिंग के बारे में बताएं। एनएसएस के स्वयंसेवकों से उन्होंने फीडबैक भी लिया। सभी स्वयंसेवकों ने इस बात पर सहमति जताई कि उन्हें थानों में अच्छी सूचनाएं और जानकारी दी जाती है। यातायात पुलिस अधीक्षक और एसपीईएल योजना के नोडल अधिकारी मिश्र ने बताया कि आगामी 7 फरवरी को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (रूल्स एंड मेनुअल) आशीष गुप्ता मेरठ पधार रहे हैं और वे इस दौरान छात्र-पुलिस अनुभवात्मक अधिगम योजना की समीक्षा भी करेंगे। उन्होंने सभी थानों को इसके लिए आगाह भी किया।
कार्यक्रम का संचालन रामप्रकाश तिवारी, कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस यूनिट-1 ने किया। इस अवसर पर डॉ. विशाल कुमार, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी इकाई-4 और एसपीईएल के प्रभारी, शिकेब मजीद, श्री अखिलेश कुमार गौड़, सहायक नोडल अधिकारी एवं प्र.नि. थाना ए.एच.टी. मेरठ, जानी थाने के उप निरीक्षक खुशहाल कुमार, टीपी नगर थाना से उपनिरीक्षक विपिन कुमार, कंकरखेड़ा थाने से महिला उपनिरीक्षक मानसी और परतापुर थाने से महिला उपनिरीक्षक प्रेमलता समेत अन्य पुलिस जवान भी मौजूद रहे। यातायात पुलिस के मुख्य आरक्षी नमित मलिक ने सभी छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा संबंधी शपथ भी दिलाई।
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