नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सहायक
श्रमायुक्त अवधेश कुमार वर्मा ने बताया, व्यापार
बन्धु की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में
जनपद में विभिन्न चौराहे पर भिक्षावृत्ति एवं दुकानों पर कार्य कर
रहे बाल श्रमिकों के चिन्हांकन हेतु अभियान चलाया गया।
श्रम विभाग एवं एएचटीयू के
तत्वावधान में संयुक्त रूप से निरीक्षण की कार्यवाही की गयी।
निरीक्षण हेतु गठित टीम में श्रम विभाग की ओर से श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुधीर
कुमार एवं सुधा तोमर व एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम की ओर से प्रभारी अखिलेश गौड,
देवपाल गिरि,
विनोद कुमार एवं जनहिंत
फाउंडेशन के कोऑडिनेटर अजय कुमार संयुक्त रूप से शामिल रहे। हापुड अड़डा चौराहे पर
विभिन्न प्रतिष्ठानों पर 05 बाल श्रमिकों का चिन्हांकन किया गया। बाल श्रमिकों का मुख्य
चिकित्सा अधिकारी द्वारा आयु परीक्षण कराकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत
करने के उपरान्त उनके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया। सेवायोजक के
विरूद्ध नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986
की धारा 03(1)
एवं 03(ए) का उल्लंघन करने पर नियोजकों के विरूद्ध 06
माह से 02
वर्ष तक के कारावास तथा/अथवा
न्यूनतम धनराशि रुपये 20,000/-
से धनराशि रुपये 50,000/- तक के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। साथ ही जो गैर
खतरनाक व्यवसायों/प्रक्रियाओ में किशोर को नियोजित करने वाले नियोजक जो धारा 07,08,09,11
एवं 12
का उल्लंघन करते है,
के विरूद्ध एक माह की सजा
तथा/अथवा धनराशि रुपये 10,000/- के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। उपरोक्त नियोजकों के विरूद्ध
की गयी व्यवस्था के अनुसार वैद्यानिक कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी।
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