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Thursday, December 26, 2024

वैदिक गणित की उपयोगिता पर अपने विचार रखें


सपना साहू 
नित्य संदेश, इंदौर: महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर चंद्रा तलेरा जैन, विशेष अतिथि डॉक्टर अनुपम जैन, प्रकोष्ठ संयोजिका डॉक्टर निशा मोदी, गणित विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर बी पी बैरागी, जन भागीदारी प्रभारी डॉक्टर बी डी श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।

प्राचार्य डॉक्टर जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में वैदिक गणित की उपयोगिता पर अपने विचार रखें। प्रकोष्ठ संयोजक मैडम मोदी ने मुख्य अतिथि डॉक्टर अनुपम जैन का परिचय दिया तथा उन्हें प्रदान किए जाने वाले प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। डॉक्टर बैरागी ने जीवन में गणित की उपयोगिता पर अपने विचार प्रस्तुत किये तथा यह गणित श्रृंखला छात्राओं के लिए कितनी उपयोगी साबित हुई इस पर भी अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. अनुपम जैन ने अपने वक्तव्य की शुरुआत बहुत रोचक ढंग से की, उन्होंने बताया गणित को लोग बोरिंग समझते हैं परंतु गणित एक रोचक विषय है बिल्कुल संगीत के समान, यदि व्यक्ति एक बार गणित को समझ ले तो वह जीवन भर नहीं भूलता। 

डॉक्टर जैन का कहना था, भारतीय ज्ञान परंपरा के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में एक समृद्ध विरासत विश्व को भारत की ही देन थी, आज पुना: इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है और यह कार्य नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से किया जा रहा है। डॉक्टर जैन के अनुसार, आज से लगभग 4000 वर्ष पूर्व के युग में गणित का प्रयोग तीन कार्यों में किया जाता था, पहले समाज के दैनिक जीवन में अंक गणित का प्रयोग, दूसरा यज्ञ वेदिकाओं में ज्यामिति के रूप में गणित का प्रयोग और तीसरा पंचांग के निर्माण में ज्योतिष विज्ञान के रूप में गणित का प्रयोग। 

भारत में गणित के महत्व को बताते हुए अपने महात्मा लगध द्वारा सृजित वेदांग ज्योतिष के श्लोक, आचार्य महावीर की बहु श्रुति कृर्ति गणित सार संग्रह, मोहनजोदड़ो एवं हड़प्पा सभ्यता में गणित के चिन्ह इत्यादि का उल्लेख किया, साथ ही डॉक्टर जैन ने भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित लिखित साहित्य, मौखिक संस्कृति, पांडुलिपियों का प्रदर्शन और व्याख्या पीपीटी के माध्यम से की। डॉ जैन ने बताया, वैदिक गणित में मौलिक योगदान आचार्य शंकराचार्य भारती कृष्ण तीर्थ द्वारा प्रस्तुत किया गया है। शंकराचार्य जी ने वैदिक गणित की रचना 16 सूत्र और 13 उपसूत्रों के आधार पर की है। 

डॉक्टर जैन ने अनेक उदाहरण के माध्यम से इन सूत्रों को और वैदिक गणित को समझाया. वैदिक गणित के लाभ बताते हुए डॉक्टर जैन का कहना है वैदिक गणित के माध्यम से मुश्किल सवाल आसानी से और कम समय में बिना कागज कलम का इस्तेमाल किये मन ही मन में हल किये जा सकते हैं।

गणित श्रृंखला का समापन बहुत ही रोचक तरीके से हुआ। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्राएं कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर निधि गुप्ता द्वारा किया गया तथा आभार शैखी गुप्ता द्वारा व्यक्त किया गया। मीडिया प्रभारी डॉक्टर अंतिम बाला शास्त्री ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

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