रवि गौतम
नित्य संदेश, परीक्षितगढ़। सर्दी की
दस्तक के साथ ही बच्चे निमोनिया बीमारी की पकड़ में आने लगे है। यह बीमारी छोटे
बच्चों व बुर्जगों में होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। समय पर समुचित उपचार
नहीं मिलने पर मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग जनमानस को
जागरूक करने के लिए १२ नंवबर को निमोनिया दिवस मनाया जाता है। क्योकि लोगों का
स्वास्थ्य बेहतर रहे। सीएचसी पर उपचार कराने पहुंचे मरीजों में ३ बच्चों में
निमोनिया बीमारी के लक्ष्ण मिले। चिकित्सक उपचार के साथ बचाव करने की हिदायत दी।
ओपिड़ी में १५० मरीज पहुंचे।
बढती ठंड बदलते मौसम और
प्रदूषण का असार पांच सात तक के बच्चों को बीमार कर रहा है। खांसी और बुखार के
अलावा बच्चों को निमोनिया हो रहा है।इस मौसम में बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए, निमोनिया सांस से जुड़ी
बीमारी है। इससे फेफड़ों में सक्रमण हो जाता है। फेफडों में सूजन आ जाती है। और कई
बार पानी भर जाता है। बुखार या जुकाम के बाद होता है। निमोनिया ज्यादातर
बैक्टीरिया वायरस फंगस से होता है। निमोनिया विषाणु और जीवाणु दोनों से होता है।
इसके लिए खून, बलगम, और एक्सरे सहित कई जांच
कराई जाती है। बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कराया जाएं तो निमोनियां जैसी घातक अदि
बीमरियों से बचाव हो सकता है। सतर्कता ही बचाव है। ओपिड़ी में बुखार, अस्थमा, मधूमेह, एलर्जी, गर्भवती महिलाएं आदि
मरीजों का भी उपचार कर दवा दी गई है।
डॉ. सरित तोमर ने बताया कि ओपिड़ी में
१५० मरीजों का उपचार किया गया है। इसमें तीन बच्चे निमोनिया बीमारी के पाए गए है।
बच्चों को सर्दी जुकाम, सांस
की नली और फेपड़ो का इंफेक्शन हो जाता है। नमी की वजह से भी निमोनिया के
बैक्टीरिया और वायरस को पनपने का मौका मिलता है। निमोनिया बीमारी से बचाव के लिए
स्वास्थ्य विभाग तरफ से निर्धारित टीके लगवाए। तरल पदार्थ का सेवन ज्याद करे।
स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
.jpeg)
No comments:
Post a Comment