नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ. धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के महिला समूहों द्वारा "1857 के क्रांतिनायक शहीद धनसिंह कोतवाल के जन्मोत्सव कार्यक्रमों के तहत *महिला गीत-संगीत कार्यक्रमों* का आयोजन हुआ। यह महिला गीत संगीत कार्यक्रम ग्राम पांचवी खुर्द, लोदीपुर छपका,कपसाढ, रूहासा, अटेरणा, सकोती आदि गांव में संपन्न हुई।
धनसिंह कोतवाल महिला शोध समूह की कार्यक्रम अध्यक्षा एकता चौधरी गुर्जर ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल ने जो आजादी की लड़ाई लड़ी थी, उसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की बराबर की भागीदार रही। पांचली खुर्द गांव पर 4 जुलाई 1857 को जब तोपों से आक्रमण हुआ जहां 400 से ज्यादा व्यक्तियों की मौत हुई उसमें बड़ी परेशानी महिलाओं को भी झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि आज जो हम धनसिंह कोतवाल का जन्मोत्सवताह कार्यक्रमों के तहत महिला गीत संगीत कार्यक्रम का आयोजन करके उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं, यह तभी संभव हो पाया है जब 1857 की क्रांति में अंग्रेजों को भारत से खदेडने के लिए धनसिंह जी प्रयास किया, जिसके कारण 1947 में देश आजाद हुआ था।
आज के महिला गीत-संगीत कार्यक्रम में महिलाओं ने "धनसिंह भए कोतवाल, अंग्रेज हुए बेहाल"*,
"*भारत मां का लाल, धनसिंह कोतवाल,".सबसे बड़ा क्रांतिकारी, जो पड़ा सब अंग्रेज़ो पर भारी,"धन-धन माई, जिसने जना धनसिंह कोतवाल भाई" आदि गीत गाकर, सुंदर संगीत बजाकर धनसिंह कोतवाल जी के जन्मोत्सव सप्ताह कार्यक्रमों के तहत महिला गीत संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया।
इस दौरान शोध समूह कि महिला नीलम सिंह ने सभी को संकल्प दिलाया की सभी महिलाएं जन्मोत्सव सप्ताह कार्यक्रमों के तहत 26 नवंबर को होने वाली दीपोत्सव कार्यक्रम को अपने घर पर दीप जलाकर संपन्न करेंगे। और बड़ी संख्या में 27 नवंबर को धनसिंह कोतवाल के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। महिला कार्यक्रमों का संयोजन सुमन, नीलम, कोमल, गीता तथा पूजा ने संयुक्त रूप से आयोजित किया।
धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना ने बताया की क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल शोध समूह की महिलाएं प्रतिवर्ष धनसिंह कोतवाल के जन्मोत्सव सप्ताह के कार्यक्रम आयोजित करती हैं. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पुष्पा देवी, रचना, दयावती, बाला देवी, उषा रानी, विमलेश, राजेश, राकेश, कुंतेश, पिंकी, पूनम रानी तथा राधा देवी आदि उपस्थित रही।
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