अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा पखवाड़ा अभियान के तहत आत्म निर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के सभी संकायों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनंसचार विभाग के सभागार में एनएसएस सेल व पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत पांरपरिक रूप से अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रोफे. (डॉ.) सुभाष चंद्र थलेड़ी ने कहा कि आज युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है और ये तभी संभव होगा जब आपके भीतर स्वावलंबन एवं सेवा की भावना होगी। स्वावलंबन के मार्ग से ही चलकर आप आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को साध पाएंगे। एनएसएस का यही उद्देश्य है कि युवा ना सिर्फ शिक्षित हों बल्कि वे देश के निर्माण में भी अहम भागीदार हों। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भी यही है कि आप इन दोनों विभूतियों के जीवन से सीख लेकर अपने देश को आगे बढ़ाने में भागीदार बनें।
भाषण प्रतियोगिता में विधि संकाय पंचम वर्ष की छात्रा अंकिता सिंह प्रथम रहीं वहीं दूसरी ओर बीटेक फूड टेक्नॉलाजी की छात्रा नंदिनी दीक्षित द्वित्तीय स्थान पर रहीं। बीपीटी द्वित्तीय वर्ष के छात्र लव कुमार तीसरे स्थान पर रहे। इनके अतिरिक्त वर्षा राज, नितेश कुमार तिवारी, खुशी राठी और सुचिता त्रिपाठी को प्रशंसा पुरस्कार के लिए चयनित किया गया।
इस दौरान उपस्थित विद्यार्थियों व एनएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य प्रोफे.(डॉ.) अनोज राज ने कहा कि आज हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, अगर हम इतिहास को देखें तो हम पाते हैं कि हमारा देश तो युगों पहले ही आत्मनिर्भर था, परंतु बीच के कुछ कालखंड में जब हम दासता की बेड़ियों में जकड़े हुए थे तो हम लोग आत्मनिर्भर से पराश्रित हो गए। आज अगर हमें पुनः आत्मनिर्भर बनना है तो सबसे पहले देश में बड़ी संख्या में हो रहे ब्रेनड्रेन को हमें रोकना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने देश में ही ऐसा माहौल बनाएं की आज यहां शिक्षित होने वाला युवा विदेशों में नौकरी के लिए ना जाकर यहीं अपने देश में ही स्वरोजगार के लिए आगे बढ़े क्योंकि आत्मनिर्भर होगा युवा तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
इसी क्रम में बोलते हुए प्रोफे. (डॉ.) लुभान सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता तभी आ सकती है जब हम देश में शोध के क्षेत्र में युवाओं की रूचि बढ़ाएंगे। आज अगर कोई भी देश विकसित राष्ट्र की श्रेणी में है तो केवल इसलिए कि वहां पर शोध एवं नवोन्नमेषी विचारों को बढ़ावा दिया जाता है। यह काम सरकार एवं समाज दोनों स्तर पर होना चाहिए। आगे अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज हालांकि सरकार के स्तर पर शोध एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह दर्शाता है कि भारत पुनःआत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, और आने वाला युग भारत का युग होगा।
इस प्रतियोगिता का संचालन बीएजेएमसी तृत्तीय वर्ष की छात्रा पलक टंडन ने किया तो वहीं अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य व एनएसएस की इकाई-1 के कार्यक्रम अधिकारी राम प्रकाश तिवारी ने किया।
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में प्रोफे. अनोज राज, प्रोफे. लुभान सिंह और सुश्री अल्माश सैफी रहे। वहीं कार्यक्रम की सह-संयोजिका की भूमिका पत्रकारिता विभाग की सहायक आचार्या शैली शर्मा ने निभाई तो तकनीकी संयोजन सहायक आचार्य शिकेब मजीद का रहा। इस दौरान विभिन्न विभागों के विद्यार्थी भी श्रोता के रूप में उपस्थित रहे।
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