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Friday, October 11, 2024

तपस्या करके आज के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए श्री शीतलनाथ भगवान

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। दिगंबर जैन मंदिर आनंदपुरी में दसवें तीर्थंकर श्री शीतलनाथ भगवान का निर्वाण महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम पांडुक शिला पर भगवान को विराजमान किया गया तथा शांति धारा की गई, जिसका श्रेय अचल जैन एवं अनंत वीर जैन को प्राप्त हुआ।

उसके उपरांत देव शास्त्र गुरु श्री महावीर भगवान एवं श्री शीतल नाथ भगवान की पूजा की गई तथा सवा ग्यारह किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। श्री शीतलनाथ भगवान का जन्म भाद्दिलपुरी के राजा द्रणरथ राजा के यहां हुआ था, इनकी माता का नाम रानी सुनंदा था, प्रभु की आयु 100000 पूर्व थी तथा उनकी अवगाहना 90 धनुष थी। सोने जैसा उनका रंग था, दया उनका धर्म था। वैभव से दूर रहते थे, एक दिन प्रातः काल जंगल में भ्रमण के लिए निकले तो उन्होंने देखा कि एक ओस की बूंद जो मोती की तरह चमक रही थी, सूर्य के निकलते ही पल भर में विलुप्त हो गई, जिसे देखकर उनको वैराग्य हो गया और उन्होंने जिन दीक्षा धारण कर लीतपस्या करके आज के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए। सायं काल प्रभु की आरती की गई। इस कार्य में राजीव जैन, अभिषेक जैन, विनय जैन एवं अतुल जैन आदि का विशेष सहयोग रहा।

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