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Saturday, August 31, 2024

कक्केपुर गांव के सरकारी विद्यालय में लाखों का घोटाला

प्रधान अध्यापक व ग्राम प्रधान पर लगा गबन का आरोप

साजिद कुरेशी
नित्य संदेश, सरूरपुर। सरूरपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव कक्केपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। लाखों रुपयों के गबन के आरोप के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रधान अध्यापक को निलंबित करते हुए दूसरे विद्यालय से अटैच करके विभागीय जांच शुरू करदी है। हालांकि गबन हुए रुपए की रिकवरी न होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीणों में उच्च अधिकारियों से मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। 
 
यह पूरा मामला सरूरपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव कक्केपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है। कुछ दिन पहले इस स्कूल में रोशन लाल को इंचार्ज प्रधानाध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया, तो इस बड़े गबन का खुलासा हुआ। उन्होंने बैंक स्टेटमेंट और अभिलेखों की छानबीन के हवाले से उच्चाधिकारियों को प्रेषित रिपोर्ट में अवगत कराया कि पूर्व प्रधान अध्यापक ने स्कूल की संपत्ति यानी कृषि कार्ड के खाते से लगभग 14 लाख रुपये निकाले, लेकिन उनका किसी कार्य में इस्तेमाल नहीं किया। इसके अलावा कनवर्जन कोस्ट के लगभग डेढ़ लाख रुपये भी इसी तरह से निकाल लिए गए। इसके अलावा विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण का रुपया भी निकाल लिया गया। इतना ही नहीं खेल सामान के रुपये तो निकाले गए लेकिन खेल से संबंधित कोई भी सामान नहीं खरीद गया। ढेर सारी अनियमितताओं की शिकायत रोशन लाल ने जब विभाग में की तो पूर्व प्रधानाचार्य अजय शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए हटा दिया गया। हालांकि गबन हुए पैसों की कोई भी जवाबदेही तय नहीं की जा सकी। 

वहीं स्कूल की वर्तमान हालत की बात करें तो मिड डे मिल के भी लाले पड़ रहे हैं। मौजूदा प्रधान अध्यापक ने ग्राम प्रधान पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए सहयोग न करने की बात कही हैं। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये सब कुछ हुआ मात्र 76 बच्चे पढ़ाने के लिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस विद्यालय में कुल 76 बच्चे पढ़ाई करते हैं। उनके लिए 7 अध्यापकों का भारी भरकम स्टाफ है, कई सरकारी कर्मचारी भी तैनात हैं। 76 बच्चों पर इस कदर तैनात स्टाफ के बावजूद भी लाखों की हेराफेरी हो गई है। स्कूल में बाउंड्री तक नहीं है शाम के समय यह स्कूल शराबियों का अड्डा बन जाता है सुबह जब बच्चे स्कूल जाते है तो उन्हें शराब की बोतलों को उठाकर बाहर फेंकना पड़ता है। 

फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है और ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब देखना है कि अधिकारी इस मामले को लेकर कितने गंभीर हैं। 

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