नित्य
संदेश, ब्यूरो
मेरठ।
हरिवंशपुराण की कथा के नवम् एवं समपन्नता दिवस में कथा व्यास डा.
पूनम लखनपाल ने ब्रह्मदत्त के दो पुत्र हंस और डिम्भक की कथा में कृष्ण द्वारा
उनके मानमर्दन का प्रसंग सुनाया।
भगवान शिव द्वारा दैत्यों के त्रिपुर का एक ही बाण से विनाश कर त्रिपुरारि
होने की कथा सुनाई। विविध स्तुतियों का उल्लेख किया। इस पुराण के पाठक, वाचक और श्रोताओं के लक्षण बताए। हरिवंशपुराण के माहत्म्य, पाठ विधि, नियम, फल का कथन किया। सन्तान गोपाल मन्त्र, उसके विधान, अङ्गन्यास, विनियोग, ध्यान, जाप आदि के विषय में बताया। इस मन्त्र के पालन से हरि गोपाल समान सन्तान
प्रदान करते हैं। रक्षाबन्धन पर्व पर
हरि सबकी रक्षा करें, ऐसी प्रार्थना के साथ हरिवंशपुराण की नौ दिन की कथा सम्पन्न
हुई।
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