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Monday, December 8, 2025

"परंपरा से आधुनिकता की ओर : लोक कला प्रशिक्षण कार्यशाला"



नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की प्रेरणा व प्रोत्साहन में तीन दिवसीय मधुबनी लोक कला प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का संचालन एवं प्रशिक्षण लोक कलाकार व प्रशिक्षक प्रोफेसर अल्का तिवारी के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षा कुलपति ने कार्यशाला की सफलता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि भारतीय लोक कला हमारे सांस्कृतिक अस्तित्व की पहचान है इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है उन्होंने प्रतिभागियों में सृजनशीलता परंपरा और कलामूल्यों के संरक्षण पर जोर दिया।


मधुबनी लोककला निशुल्क प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ लोक कलाकार एवं प्रशिक्षक प्रोफेसर अलका तिवारी की दिशा निर्देशन में उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया। लोक कलाकार प्रोफेसर अलका तिवारी ने इस कला प्रशिक्षण कार्यशाला मे मुख्य रूप से बिहार की पारंपरिक चित्रकला मधुबनी चित्रकला का प्रशिक्षण दिया। जिसमें सभी प्रतिभागियों को मधुबनी चित्रकला का प्रशिक्षण देते हुए अन्य पारंपरिक कलाओं के ऐतिहासिक महत्व, तकनीकी विधियों और सौंदर्यात्मक विशेषताओं के बारे में जानकारी साझा की। प्रतिभागियों को प्राकृतिक रंगों, पारंपरिक तकनीकों, पौराणिक विषयों और ज्यामितीय पैटर्न को बनाना सिखाया गया। उन्होंने बताया तीन दिवसीय मधुबनी लोक कला निशुल्क प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य विशेष रूप से लोक कला के संरक्षण, संवर्धन एवं शिक्षण जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों तथा स्थानीय कला-प्रेमियों को भारत की विविध पारंपरिक लोक कलाओं से जोड़ना है।


इस कार्यशाला में 50 युवा प्रतिभागियों एवं बेटियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशिक्षण में मधुबनी कला की पारंपरिक रेखांकन शैली प्राकृतिक रंग की तैयारी प्रतीकात्मक व आकृतियों का अध्ययन एवं लोक कथाओं की प्रस्तुति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कार्यशाला को सफल बनाने में डॉक्टर पूर्णिमा वशिष्ठ, डा रीता सिंह डॉ॰ शालिनी धामा ,दीपांजली, कृतिका एवं खालिद एवं लोक कलाकार सुश्री विनीता गुप्ता का विशेष सहयोग रहा ।जिनके मार्गदर्शन एवं समन्वय से प्रशिक्षण सत्र सुचारु एवं प्रभावी रूप से संपन्न हो रहे हैं। कार्यशाला के प्रथम दिन प्रतिभागियों को मिथिला शैली के इतिहास रेखांकन तकनीक और पारंपरिक प्रतीक चिन्हों से परिचित कराया गया आगामी दो दिनों से उन्नत शैली रंग संयोजन और प्रस्तुति तकनीक पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस कार्यशाला मे लोक कलाकार एवं प्रशिक्षक विनीता गुप्ता दीपांजलि ,कृतिका को लोक कला के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य हेतु सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।

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