नित्य संदेश ब्यूरो
नोएडा। कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने नई दिल्ली में आयोजित क्लास साथी इंपैक्ट समिट में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में भारत में कोरिया गणराज्य के राजदूत महामहिम ली शियांग सियोंग हो भी शामिल हुए और अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा शिक्षा-प्रौद्योगिकी के ज़िम्मेदार उपयोग पर विचार साझा किए।
इन अनुभवों और आंकड़ों के आधार पर मंत्री ने घोषणा की कि क्लास साथी अब नोएडा के 25 सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विस्तार, साक्ष्यों पर आधारित फैसले लेने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आने वाले समय में भी निगरानी और मूल्यांकन सतत जारी रहेगा। अपने संबोधन में जयन्त चौधरी ने कहा कि सीखने में आने वाली कमियाँ धीरे-धीरे विकसित होती हैं और समय पर ध्यान न मिलने पर बड़ी समस्या बन सकती हैं। इस वजह से कक्षा आधारित मूल्यांकन उपकरण शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि तकनीक, शिक्षकों की भूमिका को कम नहीं करता है, बल्कि उनके काम को मजबूत करने का माध्यम है।
आरएलडी के मंडल अध्यक्ष इंदरवीर भाटी ने कहा, “नोएडा के 25 सरकारी स्कूलों में क्लास साथी पहल का विस्तार शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। समय पर आकलन और शिक्षकों को कक्षा स्तर पर उपयोगी जानकारी मिलने से बच्चों की सीखने की कमियों की पहचान जल्दी होगी, पढ़ाने की प्रक्रिया बेहतर बनेगी और छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी।” यह समिट, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लागू किए गए क्लास साथी कार्यक्रम के पहले चरण की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित की गई। इस पहल को अगस्त 2025 में मंत्री द्वारा बागपत और बुलंदशहर जिलों के 50 सरकारी स्कूलों में लॉन्च किया गया था।
कार्यक्रम में पहले चरण के आधारभूत मूल्यांकन से जुड़े शुरुआती परिणाम पेश किए गए, जिनसे पता चलता है कि कई छात्र अभी अपने ग्रेड स्तर से नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नतीजों ने यह दर्शाया कि नियमित रूप से कक्षा आधारित मूल्यांकन उपकरण ज़रूरी है, ताकि समय रहते सीखने की खामियों की पहचान हो सके और शिक्षकों को पढ़ाई की रणनीति तय करने में मदद मिले। शुरुआती कक्षा अवलोकनों से यह भी सामने आया कि क्लास साथी लागू होने के बाद छात्रों की भागीदारी बढ़ी है और शिक्षक सीखने के डेटा का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। मंत्री ने बागपत और बुलंदशहर के शिक्षकों तथा स्कूल नेतृत्व की सराहना की, जिन्होंने कक्षा-स्तर पर मूल्यांकन अपनाकर छात्र सहभागिता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को आवश्यक उपकरण, संसाधन, प्रशिक्षण और नीतिगत सहायता उपलब्ध कराती रहेगी ताकि सरकारी स्कूलों में सीखने के परिणामों को बेहतर बनाया जा सके।


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