नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। शहीद मंगल पांडे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मेरठ में “एआई शिक्षा पद्धति” विषय पर आयोजित सप्तदिवसीय नेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के चतुर्थ दिवस में “अंतर्विषयक शिक्षण पद्धति और भविष्य के रुझान” सत्र का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चित प्रकोष्ठ (IQAC) एवं न्यूक्लियस ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट संस्था के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अंजू सिंह के दिशा-निर्देशन में यह सत्र सम्पन्न हुआ। इस सत्र में “अंतर्विषयक शिक्षण पद्धति और भविष्य के रुझान” के अंतर्गत विभिन प्रकार के एआई उपकरणों (AI Tools) के महत्व पर विचार-विमर्श किया गया।
रिसोर्स पर्सन डॉ. अगस्तमुनि मिश्रा (पूर्व सहायक प्रोफेसर ,गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय रहे उन्होंने अंतर्विषयक शिक्षण पद्धति के अंतर्गत विभिन प्रकार के एआई उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की और कहा कि एआई उपकरणों के माध्यम से विभिन प्रकार के कार्यो को आसानी से किया जा सकता है जिससे धन ,श्रम और समय की बचत के साथ साथ ज्ञान को संचित करना आसान होता है । उन्होंने विभिन प्रकार के लिंक के माध्यम से आसानी से ज्ञान को कैसे संचित किया जाए और उसके हस्तांतरण को सुविधाजनक कैसे बनाया जाए जिससे कम समय में अधिक से अधिक कार्य सम्पादित किया जा सके ।
सत्र में विशेष रूप से डिजिटल टूल्स के नवीन आयामों जैसे miro.कॉम ,ईजी पीसी और एज्यूसाइड जैसे लिंक की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए उनका प्रयोग भी करना बताया। मुख्य वक्ता के द्वारा स्टिकी नोट्स, पिक्चर आदि आसानी से कम समय में कैसे बनाये आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की
अंत में प्रतिभागियों के प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान भी किया गया। इसके उपरांत महाविद्यालय आईक्यूएसी को-ऑर्डिनेटर एवं प्रोग्राम की संयोजक प्रो. लता कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने सक्रिय सहभागिता की । रिपोर्ट लेखन प्रो. पारुल मलिक द्वारा किया गया। महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ दीपा गुप्ता ,डॉ आशीष पाठक ,डॉ गजेन्द्र, एवं महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक आदि उपस्थित रहे।
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