Breaking

Your Ads Here

Wednesday, November 12, 2025

स्थानीय समस्याओं से जुड़े शोध से ही आत्मनिर्भर भारत संभव: प्रो. भोला राम गुर्जर


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सी.सी.एस.यू.), मेरठ के भौतिकी विभाग द्वारा “रिसर्च टेक्नीक्स इन फोटॉनिक्स एंड मटेरियल्स साइंस (RTPMS-2025)” विषय पर प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

जिसमें देश के प्रमुख संस्थानों से आए विशेषज्ञों एवं शोधकर्ताओं ने फोटॉनिक्स और पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में नवीन शोध तकनीकों एवं प्रयोगात्मक विधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की। उन्होंने भौतिक विज्ञान विभाग के शोध प्रकाशनों, पेटेंट्स एवं पुस्तकों की सराहना करते हुए इसे विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का प्रतीक बताया। उन्होंने विभाग द्वारा आयोजित वर्कशॉप को सतत विकास लक्ष्य 2030 एवं विकसित भारत लक्ष्य 2047 की दिशा में एक सराहनीय कदम बताते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। स्वागत भाषण में सम्मेलन संयोजक प्रो. अनिल कुमार मलिक ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए फोटॉनिक्स और मटेरियल्स साइंस के क्षेत्र में तीव्र गति से हो रही प्रगति तथा इसके वैज्ञानिक और तकनीकी अनुप्रयोगों की बढ़ती महत्ता पर प्रकाश डाला।

मुख्य अतिथि प्रो. भोला राम गुर्जर, निदेशक, एन.आई.टी.टी.टी.आर. (NITTTR) चंडीगढ़ ने विश्वविद्यालय की संतुलित शैक्षणिक संस्कृति की प्रशंसा की, जो बौद्धिक, शारीरिक और सांस्कृतिक विकास के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सी.सी.एस. विश्वविद्यालय की समृद्ध परंपरा और उत्कृष्ट पूर्व छात्र इसे विशिष्ट पहचान प्रदान करते हैं। प्रो. गुर्जर ने युवा शोधकर्ताओं से नवाचार, स्वायत्त चिंतन और भारतीय प्राचीन वैज्ञानिक परंपराओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शोध का उद्देश्य केवल रैंकिंग या प्रकाशन नहीं, बल्कि समाज की वास्तविक आवश्यकताओं की पूर्ति होना चाहिए।

उन्होंने वैज्ञानिकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थानीय समस्याओं जैसे कृषि उत्पादकता, पशु स्वास्थ्य और रोगों की शीघ्र पहचान जैसे क्षेत्रों में समाधान-केंद्रित शोध करने का आग्रह किया। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्योगोन्मुख, अनुप्रयोग-आधारित एवं उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने वाले शोध की दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया। प्रो. गुर्जर ने कहा कि फोटॉनिक्स और मटेरियल्स साइंस का संगम “आत्मनिर्भर भारत” और “विकसित भारत” के राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अपने संबोधन में अनुसंधान एवं विकास निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने हाल ही Times Higher Education (THE) World University Rankings 2026 में 1201–1500 बैंड में स्थान प्राप्त किया है, साथ ही राज्य विश्वविद्यालयों में 41वें स्थान पर है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने भारत सरकार की SPRIHA योजना के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) चेयर की स्थापना की है, जो नवाचार और शोध के व्यवसायीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रो. सिंह ने भौतिकी विभाग की उन्नत प्रयोगशालाओं जैसे स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (SEM), एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोपी (AFM), RF स्पटरिंग सिस्टम, गैस सेंसिंग एवं इलेक्ट्रोकेमिकल प्रयोगशालाओं जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को हाल ही में MERU और PM-USHA योजनाओं के अंतर्गत ₹100 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। 

विशिष्ट अतिथि प्रो. मृदुल गुप्ता, वरिष्ठ प्रोफेसर, गणित विभाग, ने फोटॉनिक्स के चिकित्सा निदान, पर्यावरण निगरानी और सेंसर विकास जैसे क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फोटॉनिक्स सामाजिक चुनौतियों के समाधान और सतत तकनीकी विकास के लिए अत्यंत उपयोगी विज्ञान है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कविता शर्मा ने किया। 

आयोजन सचिव प्रो. नीरज पंवार ने सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधार्थियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी संरक्षकों, सह-संरक्षकों और संयोजकों के योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद उपस्थित रहे, जिनमें प्रो. संजीव कुमार (राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, इटानगर, अरुणाचल प्रदेश), प्रो शैलेन्द्र शर्मा ( डीन कृषि सी सी एस यू मेरठ) , प्रो. अनुज त्यागी (रेडियोलॉजी विभाग, एल.एल.आर.एम. मेडिकल कॉलेज, मेरठ), प्रो. राजन वालिया (भौतिकी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय) और प्रो. अखिलेश कुमार सिंह (आई.आई.टी. बी.एच.यू., वाराणसी), प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, शोधार्थी सम्मिलित हुए।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here