नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग एवं एंडोक्राइनोलॉजी विभाग द्वारा एक दिवसीय कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मधुमेह के बढ़ते मामलों, कारणों, जटिलताओं, रोकथाम तथा नवीनतम उपचार विधियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
**कार्यक्रम का शुभारंभ**
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. ज्ञानेश्वर टोंक (उप प्राचार्य मेडिकल कॉलेज एवं विभागाध्यक्ष अस्थि रोग विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ) ने की, उन्होंने कहा कि मधुमेह इलाज में हो रहे नए शोध, उन्नत दवाओं तथा तकनीकों के बारे में सभी चिकित्सकों और रेजिडेंट्स को अपडेट रहने की सलाह दी |
*चिकित्सा जागरूकता पर विशेष संबोधन*
डॉ. धीरज बालियान (प्रमुख अधीक्षक, स व भा प चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज मेरठ) ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण कई मरीज अत्यधिक उच्च रक्त शर्करा स्तर के साथ ऑपरेशन के लिए आते हैं, जिससे जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है। उन्होंने आम जनता में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
*डायबिटीज़ के प्रचलन व कारण**
डॉ. योगिता सिंह (विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग) ने मधुमेह के बढ़ते प्रचलन, कारणों तथा सामान्य जनता में इसकी कम जागरूकता पर प्रकाश डालते हुए समय पर पहचान व उपचार के महत्व को रेखांकित किया।
*बाल रोगियों में मधुमेह*
डॉ. अनुपमा वर्मा (HOD Pediatrics एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक), डॉ. तूबा( Assistant professor Pediatrics) ने बताया कि मधुमेह केवल वयस्कों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों में भी इसकी बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में इंसुलिन का प्रचुर स्टॉक उपलब्ध है, जो बाल रोगियों के उपचार में सहायक है।
**भारत में बढ़ती प्रवृत्ति**
डॉ. संध्या गौतम (प्रोफेसर मेडिसिन, Incharge HME विभाग) ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए भारत में मधुमेह के बढ़ते रुझान और उससे जुड़ी जटिलताओं पर अपने विचार साझा किए।
**अन्य फैकल्टी का योगदान**
डॉ. आभा गुप्ता (प्रोफेसर, मेडिसिन), डॉ. स्नेहलता वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन), डॉ. विवेक के. ऋषि (असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन), डॉ. इशा गुप्ता एवं डॉ. शशांक शेखर भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और विश्व मधुमेह दिवस के महत्व पर अपने मूल्यवान विचार प्रस्तुत किए।
**वैज्ञानिक सत्र**
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था “मधुमेह: कारण, प्रभाव, रोकथाम, नई दवाएँ एवं जटिलताएँ” विषय पर विस्तृत व्याख्यान, जिसे **डॉ. आयुषी सिंगल ( Assistant professor,Endocrinology) ने प्रस्तुत किया।
मुख्य बिंदु—
* भारत में मधुमेह का बढ़ता भार
* जीवनशैली एवं अनुवांशिक जोखिम कारक
* HbA1c स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग का महत्व
* आधुनिक उपचार विकल्प एवं नई दवाएँ
* जटिलताओं की रोकथाम हेतु व्यावहारिक सुझाव
व्याख्यान अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा और सभी रेजिडेंट्स ने सक्रिय सहभागिता की।
**आभार**
मेडिसिन एवं एंडोक्राइनोलॉजी विभाग ने सभी अतिथियों, फैकल्टी सदस्यों, रेजिडेंट्स, चिकित्सा छात्रों एवं आयोजन टीम का हार्दिक आभार व्यक्त किया। यह एक दिवसीय सीएमई कार्यक्रम मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने और चिकित्सा ज्ञान को अद्यतन करने में अत्यंत सफल रहा।
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