-स्टॉल लगाने आयी थी
युवतियां, कॉलेज प्रशासन ने दिया सुरक्षा कारणों का हवाला 
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। इस्माइल नेशनल महिला
डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। शुक्रवार को कॉलेज में
आयोजित प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने आईं दो मुस्लिम युवतियों को बुर्का पहनकर अंदर
जाने से रोक दिया गया। कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया, लेकिन इस
पर छात्रों और कॉलेज स्टाफ के बीच तीखी बहस हो गई।
घटना बुढ़ाना गेट स्थित
इस्माइल कॉलेज की है, जहां दीपावली से पहले हर साल प्रदर्शनी लगाई जाती है। शाहपीर
गेट निवासी मुनीरा और आयशा ज्वेलरी का स्टॉल लगाने पहुंची थीं। गेट पर तैनात महिला
कर्मचारी सुशीला ने बुर्का पहने होने के कारण दोनों को रोक दिया। युवतियों का कहना
है कि वे छात्राएं नहीं, बल्कि प्रदर्शनी में हिस्सा लेने आई थीं। प्रवेश से रोके
जाने पर दोनों ने विरोध जताया और कहा कि यह धार्मिक भेदभाव है। उन्होंने सुप्रीम
कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कॉलेज प्रशासन को हिजाब या बुर्का
पहनने से रोकने से मना किया गया है। कॉलेज की चीफ प्रॉक्टर दीप्ति कौशिक ने कहा कि
युवतियों को सुरक्षा कारणों से रोका गया था, न कि किसी धार्मिक भावना को ठेस
पहुंचाने के लिए। उन्होंने बताया कि यह कॉलेज का आंतरिक नियम है और हर किसी को
इसका पालन करना होता है। 
ये है सुप्रीम कोर्ट का नियम
गौरतलब है कि हाल ही में
मुंबई के कुछ कॉलेजों में हिजाब, नकाब और कैप पर लगी रोक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने
कहा था कि छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के तहत धार्मिक परिधान पहनने का
अधिकार है, लेकिन संस्थान के नियमों का पालन भी आवश्यक है। मेरठ का यह मामला फिर
उसी बहस को ताजा कर गया है।

 
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