नित्य संदेश ब्यूरो
मवाना। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने को लेकर वाल्मीकि समाज के साथ पूर्व विधायक प्रभु दयाल वाल्मीकि ने तहसील में पहुंचकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम संतोष कुमार ज्ञापन सौंपा और सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने मांग की।
इस दौरान वाल्मीकि समाज ने जानकारी देते हुए बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य ग्रन्थ की रचना कर भारतीय पुरातन संस्कृति और साहित्य में एक अमूल्य योगदान दिया। ऋषिवर न केवल एक प्रख्यात संस्कृत कवि थे, बल्कि एक महान संत और समाज सुधारक भी थे। आज सम्पूर्ण विश्व में भगवान श्री रामचन्द्र का गुणगान मानवता के लिए एक आदर्श स्वरूप है। आदर्श पति, आदर्श भाई, मर्यादा पुरुष चरित्र, आदर्श पुत्र, आदर्श राजा आदि को महर्षि जी ने अपनी कलम से चरित्रार्थ किया। आज संपूर्ण भारत में उनके महाकाव्य रामलीला के रूप में तथा चलचित्र मंच द्वारा 16 दिनों तक उत्सव के रूप में हर्ष उल्लास से मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में शस्त्र, अस्त्र का ज्ञान कलम रूपी शिक्षा का ज्ञान आदि प्राप्त होने का श्रेय जाता है तो भारत माता की भूमि में जन्मे शिरोमणी महर्षि वाल्मीकि को।
इस दौरान उपजिलाधिकारी संतोष कुमार को ज्ञापन सौंपा बताया कि महर्षि वाल्मीकि जयंती पर्व पर जल्द से जल्द अवकाश दिलाने का आश्वासन दिया। संपूर्ण महर्षि वाल्मीकि वंशज समाज आपके द्वारा अवकाश घोषित होने पर आस्था का ऋणी होगा। संयोग प्रभूदयाल वाल्मीकि पूर्व मंत्री, सुधीर चौधरी, सचिन, देवेन्द्र कुमार, नरेश मास्टर, कपिल, सुधीर त्रिपाठी, चल्क चन्द, आदि मौजूद रहे।
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