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Tuesday, August 12, 2025

भव्यता और रोमांच के लिए जाना जाता है लावड़ का दंगल

 


-10 दिवसीय ऐतिहासिक रक्षाबंधन मेले का किया जा रहा आयोजन

आरिफ कुरेशी

नित्य संदेश, लावड़। कस्बे में 10 दिवसीय ऐतिहासिक रक्षाबंधन मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें एक शानदार दंगल का आयोजन हुआ। दंगल को देखने के लिए आस-पास के क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग उमड़े। यह दंगल अपनी भव्यता और रोमांच के लिए जाना जाता है। इस बार भी विभिन्न भार वर्गों के पहलवानों ने अपनी शक्ति और कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और तकनीक का प्रदर्शन किया, जिससे दर्शकों में जोश भर गया।


मेले में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए कई तरह के झूले और दुकानें लगी हुई हैं, लेकिन लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान दंगल ने खींचा। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा। उन्होंने सुनिश्चित किया कि पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराया जाएगा। यह दंगल न केवल एक खेल प्रतियोगिता थी, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को भी दर्शाता है। यह आयोजन साबित करता है कि लावड़ का यह ऐतिहासिक मेला आज भी लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। इस वर्ष रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आयोजित भव्य मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। मेले में सबसे खास रहा शाम को कव्वाली का शानदार प्रोग्राम, जिसने श्रोताओं का मन मोह लिया। प्रसिद्ध कव्वाली समूह ने अपनी दमदार और रूहानी प्रस्तुति से समां बांध दिया। उन्होंने एक के बाद एक कई मशहूर कव्वालियां पेश कीं, जिनमें भक्ति और प्रेम के रंग घुले हुए थे। कव्वाली की शुरुआत पारंपरिक 'अल्लाह ही अल्लाह किया करो' से हुई, जिसके बाद 'दमा दम मस्त कलंदर' जैसी लोकप्रिय कव्वालियों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।


श्रोता पूरी तरह से संगीत में डूब गए

मेले में मौजूद सभी श्रोता पूरी तरह से संगीत में डूब गए थे। तालियों की गड़गड़ाहट और 'वाह-वाह' की आवाज से पूरा वातावरण गूंज उठा। कव्वाली के दौरान कई लोग अपने स्थान पर खड़े होकर झूमते दिखे। मेले के आयोजक ने बताया कि रक्षाबंधन का यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस अवसर पर कव्वाली जैसे कार्यक्रम का आयोजन करना हमारी संस्कृति को बढ़ावा देना है। हमें खुशी है कि लोगों ने इस प्रस्तुति को इतना पसंद किया।


धर्म की सीमाओं से परे होता है संगीत

यह कव्वाली प्रोग्राम रात देर तक चला और लोग संगीत की मधुरता में खोए रहे। इस सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया कि संगीत और कला धर्म या त्यौहार की सीमाओं से परे होते हैं और सभी को एक सूत्र में बांध सकते हैं। इस दौरान चेयरपर्सन पति हाजी शकील कुरेशी, सभासद मनोज गोयल, सभासद आसिफ अंसारी, मनोज जाटव, अयाज, आरिफ फैजी आदि सभासदगण एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे।

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