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सारे जहां में सुकून नहीं, भारत की मिट्टी जैसा,
अनेकता में एकता का बाग खिलता यहां ऐसा।
पंजाब की फसलें, हिमाचल की रम्य वादियों में,
पश्चिम बंगाल, कला की जादूगरी से निखरता है।
राजस्थान की रंगीली रेत, गुजरात व्यापार वैभव,
हर दिल में बसा तिरंगा और राष्ट्र प्रेम पलता है।।
केरल भगवान धरती, तमिलनाडु है संस्कृतिवान,
कर्नाटक की प्रौद्योगिकी, आंध्रप्रदेश के पकवान।
महाराष्ट्र में मराठा शौर्य, मध्य प्रदेश देश का हृदय,
हर प्रांत-प्रांत गर्वित, राष्ट्र स्वाभिमान से चलता है।।
बिहार का ज्ञानबोध, झारखंड के धातु संसाधन,
उत्तराखंड देवभूमि, उत्तर प्रदेश अतीत संवर्धन।
ओडिशा की कलाकृतियां, सिक्किम का सौंदर्य,
हर कही पर भाईचारा, राष्ट्रीय सौहार्द सजता है।।
दिल्ली शान, अरुणाचल भौर, गोवा का किनारा,
त्रिपुरा का हथकरघा, नागालैंड का संगीत न्यारा।
मिजोरम नृत्य, लद्दाख शांति, जम्मू-कश्मीर हमारा,
हर देशवासी राष्ट्रीय गौरव के गीत गुनगुनाता है।।
चंडीगढ़ की वास्तुकला, पुडुचेरी आध्यात्मिकता,
लक्षद्वीप नील समुद्र, अंडमान-निकोबार सुंदरता।
दादरा और दमन का द्वीप बढ़ाए भारत का मान,
हर एक कोने में समृद्ध राष्ट्र का दर्शन मिलता है।।
हरियाणा हरित क्रांति, तेलंगाना विकास विस्तार,
छत्तीसगढ़ की वन संपदा, असम की चाय उपहार।
मेघालय की मेघा, मणिपुर की मीठी झील भूषण,
हर राज्य से एक बनकर राष्ट्र गुलज़ार दिखता है।।
अरूणाचल से कच्छ, कश्मीर से कन्याकुमारी तक
हर राज्य एकसूत्र में भारत बनकर निरंतर बढ़ता है।।
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर (म.प्र.)
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