सपना सीपी साहू
नित्य संदेश, इंदौर। वामा साहित्य मंच ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एकता के रंग-वामा के संग शीर्षक से देशभक्ति पर आधारित एक शानदार समारोह आयोजित किया। यह कार्यक्रम श्री मध्यभारत साहित्य समिति में हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य आजादी की लड़ाई में सामूहिक सहयोग और एकता के महत्व को दर्शाना था। इसी विचार के साथ, कार्यक्रम की सभी प्रस्तुतियां एकल के बजाय सामूहिक रूप से दी गईं।
कार्यक्रम का आरंभ दिव्या मंडलोई, करुणा प्रजापति, वंदना पुणतांबेकर, आशीष होरा, प्रीति मकवाना और अवंती श्रीवास्तव द्वारा सामूहिक सरस्वती वंदना से हुआ, हारमोनियम पर संगत सुषमा मोघे जी ने की। इसके बाद, मंजू मिश्रा, आराधना, स्नेह श्रीवास्तव और रचना चोपड़ा ने जोशीले अंदाज में देशभक्ति गीत छोड़ो कल की बातें... प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों में उत्साह भर दिया।
मंच पर सरला मेहता, शारदा मंडलोई, अमिता मराठे, गायत्री मेहता, विभा जैन ओजस, आशा शर्मा और शैला अजबे ने झाँसी की रानी की कहानी को काव्य के रूप में जीवंत किया। इसके बाद माधुरी निगम, डॉ. सुनीत दुबे, ब्रजराज व्यास और निरुपमा त्रिवेदी ने स्वतंत्रता संग्राम पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में देशभक्ति समूह गीतों का सिलसिला भी जारी रहा। वैजयंती दाते, सुजाता देशपांडे और भावना दामले ने ज्योस्तुते श्री महा मंगले... प्रस्तुत किया। इसी कड़ी में, स्मिता नायर, मृदुला शर्मा और प्रतिभा जोशी ने गर्व से कहो- मैं भारतीय हूँ... नामक एक सशक्त पथ नाट्य का मंचन किया। इसके साथ ही, महिमा शुक्ला, काजल मजूमदार और वंदना शर्मा ने विजयी विश्व तिरंगा प्यारा... गीत से माहौल को और भी देशभक्तिपूर्ण बना दिया।
कार्यक्रम का समापन उषा गुप्ता, कविता अर्गल, प्रतिभा जैन, निरुपमा नागर, तनुजा चौबे, अमर चड्ढा और हेमा रावत द्वारा प्रस्तुत नाटक आजादी है अनमोल के साथ हुआ, जिसने स्वतंत्रता के मूल्य पर प्रकाश डाला। इस सफल आयोजन की अध्यक्षता ज्योति जैन ने की, जिन्होंने अपने स्वागत भाषण में एकता के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन अनुपमा गुप्ता, अनीता जोशी ने संयुक्त रूप से किया। अंत में, कोषाध्यक्ष रुपाली पाटनी ने सभी उपस्थित वामा सखियों का आभार व्यक्त किया।
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