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Friday, August 22, 2025

डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त की, मेडिकल कॉलेज में हुआ सेमिनार

 


-डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व उपचार संबंधित गतिविधियों के लिए किया जागरूक

नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व उपचार संबंधित गतिविधियों को प्राथमिकता देते हुए सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय नेशनल गाइडलाइन फॉर क्लिनिकल मैनेजमेंट ऑफ डेंगू फीवर रहा।


विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज की संचारी रोग प्रभारी डॉ. स्नेह लता वर्मा (सह-आचार्य मेडिसिन विभाग) ने अपने विचार साझा कि बताया कि उत्तर प्रदेश सहित भारत के विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त की गई है तीव्र बुखार, रेट्रो-ऑर्बिटल दर्द तथा त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे प्राथमिक लक्षण है। पेट में तीव्र दर्द, लगातार उल्टी, श्लेष्मा झिल्लियों से रक्तस्राव गंभीर डेंगू के चेतावनी संकेत है। सेमिनार में डॉ. आभा गुप्ता आचार्य मेडिसिन विभाग, डॉ. संध्या गौतम, डॉ. श्वेता शर्मा, डॉ. विवेक ऋषि व मेडिसिन विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ ने सक्रिय रूप से भागीदारी की।


मच्छरदानी और खिड़कियों पर मच्छररोधी जाली लगवाएँ

डॉ. अरविंद कुमार (आचार्य मेडिसिन विभाग) ने डेंगू से बचाव के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि घर और आस-पास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले, टायर, पूरे बर्तन आदि को नियमित रूप से खाली करके सुखाएँ। पानी की टंकियों और कंटेनरों को ढककर रखें। सप्ताह में एक बार अपने घर की छत और बालकनी की जाँच करके स्थिर पानी को हटाएँ। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत सुरक्षा अपनाने के बारे में बताया। कहा कि पूरी बाँह के कपड़े और फुल पैंट पहनें, दिन के समय विशेषकर सुबह और शाम के समय मच्छरों से बचाव के लिए मच्छररोधी क्रीम (रेपेलेंट) का उपयोग करें। घर में मच्छरदानी और खिड़कियों पर मच्छररोधी जाली लगवाएँ। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, खासकर बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए। आस-पड़ोस में स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को हटाने के लिए समुदाय को जागरूक करें।


केवल उपचार ही नहीं, बल्कि जन-जागरूकता भी जरूरी

प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि यह सत्र हमारे चिकित्सकों को डेंगू के अद्यतन नैदानिक दिशा-निर्देशों से लैस करेगा। रोकथाम और प्रारंभिक हस्तक्षेप इस जानलेवा रोग से निपटने की कुंजी है। केवल उपचार ही नहीं, बल्कि जन-जागरूकता के माध्यम से डेंगू के प्रसार को रोका जा सकता है।

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