तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में एंटी रैगिंग सप्ताह के तहत फिल्म प्रदर्शन एवं जागरूकता कार्यक्रम
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में गुरुवार को एंटी रैगिंग सप्ताह के अंतर्गत रैगिंग विरोधी संदेश देने वाली एक फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को रैगिंग के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें इसके विरुद्ध सशक्त आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि रैगिंग केवल अनुशासनहीनता या शरारत नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा, रैगिंग करने से किसी भी छात्र को मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। यह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि मानवीय मूल्यों और नैतिक आचरण के भी विरुद्ध है। उच्च शिक्षा संस्थान विद्यार्थियों के लिए सीखने, आगे बढ़ने और अपने सपनों को साकार करने के स्थान होते हैं, न कि भय, अपमान और उत्पीड़न का वातावरण बनाने के लिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे परिसर में हर छात्र-छात्रा अपने आप को सुरक्षित, सम्मानित और आत्मविश्वासी महसूस करे।
डॉ. धर्मेंद्र प्रताप ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा 12 अगस्त से 18 अगस्त तक एंटी रैगिंग सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवधि में सभी विभागों, सभी हॉस्टलों और विश्वविद्यालय परिसर में होर्डिंग, पोस्टर और बैनर के माध्यम से छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही निबंध, वाद-विवाद, पोस्टर मेकिंग जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को रैगिंग विरोधी अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का स्वागत किया। इंजीनियर प्रवीण पवार ने कार्यक्रम के सफल संचालन में योगदान देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ. दीपिका वर्मा, डॉ. मनी गर्ग, डॉ. माधव सारस्वत, सत्यम सिंह, कमल कुमार, अमरपाल, कार्यक्रम के सह-संयोजक मितेंद्र कुमार गुप्ता सहित इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज, तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल और योग विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे न तो स्वयं रैगिंग करेंगे और न ही किसी को रैगिंग करने देंगे, तथा रैगिंग की किसी भी घटना की सूचना तुरंत विश्वविद्यालय प्रशासन को देंगे।
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