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Wednesday, August 13, 2025

बिना लाइसेंस, बिल व डिस्काउंट के साथ हो रही दवा बिक्री


 

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। दवा एक जीवन रक्षक वस्तु है, जिसकी बिक्री एक नियमावली के तहत की जाती है, परंतु आज के संदर्भ में यह बिल्कुल विलुप्त हो गई है। बिना लाइसेंस, बिना फार्मासिस्ट, बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाइयां बेची जा रही है और उस पर डिस्काउंट दिया जा रहा है। वह जांच का विषय है।
 
इस संदर्भ में हमारी पहली मांग है कि FSSAI के (जिसमें औषधि एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों ल) के साथ-साथ जीएसटी विभाग के अधिकारियों को भी इसमें सम्मिलित कर कस्बे एवं देहातों के स्टोर पर लगातार चेकिंग करवा जिससे बिना बिल के व डिस्काउंट के साथ जो लोग दवा बेच रहे हैं उनकी जांच हो।
 
दूसरा विषय सभी मेडिकल स्टोर के साइन बोर्ड पर ड्रग लाइसेंस वैधता सहित फार्मासिस्ट का नाम रजिस्ट्रेशन सहित अंकित करने का निर्देश दिया जाए, जिससे बिना लाइसेंस वाले स्टोर की आसानी से पहचान हो सके।
 
तीसरी मांग जिन दवा व्यापारियों के कंप्यूटर के बिल लाइसेंस लेते वक्त लगा रखे हैं उनके द्वारा हाथ के कटे हुए बिल वैलिड ना माने जाए।
 
चौथी मांग 31 मार्च 2025 तक जिले में कार्यरत दवा लाइसेंस होल्डरों की लिस्ट जारी की जाए।

पांचवी मांग दवा के रूप में जो फूड प्रोडक्ट जैसे कैप्सूल सिरप टैबलेट को दवा के रूप में बेचा जा रहा है उसकी गुणवत्ता की जांच नियमित हो और पहले जो सैंपलिंग हुई थी उसकी जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। 

छठी मांग है की रिटेल मेडिकल स्टोर पर जो फार्मासिस्ट काम कर रहा है वह एप्रेन पहनकर अपने नाम का बैज लगाए जिससे फार्मासिस्ट की पहचान हो।

सातवीं मांग हे की जो अभी कुछ दिन पहले 20 लाख रुपए की नशीली दवाई पकड़ी गई है उसको उन्होंने कहां से खरीदा और किन-किन लोगों को बेचा उसकी जांच की जाए।
 
जो लोग नियम अनुसार दवाई बेच रहे हैं वह अपना व्यापार ईमानदारी से कर रहे हैं उनका उत्साह संवर्धन हो सके। 
इससे पहले भी हम 5 जुलाई 2024 को एक ज्ञापन दे चुके हैं।

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