नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। 6 मोहर्रम, यह
तारीख हज़रत इमाम हुसैन के बेटे हजरत अली अकबर की शहादत से मन्सूब है। सभी अज़ाखानों
और इमाम बारगाहों में हुई मजलिसों में हज़रत अली अकबर की शहादत बयां की गयी। शबीह-ए-ताबूत बरामद हुए।
इमाम बारगाह तक़ी हुसैन बाज़ार पेड़ामल से कदीमी जुलजनाह का जुलूस कड़ी सुरक्षा
व्यवस्था के बीच बड़ी अकीदत के साथ परम्परागत बरामद हुआ, प्रारम्भ में
अन्जुमन इमामिया के नौहेख्वान वाजिद अली गप्पू, चांद मिया, मीसम, रविश ने पुरसौज़ नौहेख्वानी की। रविश ने हिंदू मुसलमान किया
सबके हैं प्यारे हुसैन ये नौहा पढ़कर सौहार्द का पैगाम दिया। जुलूस
मौहल्ला जाहिदियान इमामबारगाह तथा इमामबारगाह बीरूकुंआ पहुंचा तो वहां मौजूद
हिन्दू समुदाय के लोगों ने सम्मानजनक स्वागत किया। जुलूस बुढ़ाना गेट से निर्धारित
रास्तों से होता हुआ वापस देर रात्री इसी इमामबारगाह पेड़ामल पहुंचकर सम्पन्न हुआ।
जुलूस में अंजुमन दस्तये हुसैनी के साहिबे ब्याज़ हुमायू अब्बास ताबिश, अतीक-उल-हसनैन, गिज़ाल रज़ा ने तथा के तालिब अली के संचालन में तंजीम-ए-अब्बास के सफदर अली, काशिफ जैदी, दारेन ने पुरसौज़ नौहेख्वानी करके हुसैनियत का पैगाम दिया। जुलूस के आयोजक
सज्जाद रिज़वी रहे। जुलूस में बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शरीक रहे।
जैदी फार्म में जुलूस
इमामबारगाह दरबारे हुसैनी जैदी फार्म में भी ईरान से आए मौलाना सैयद
अम्मार हैदर रिज़वी की तकरीर के बाद दिलबर जैदी व शहजाद जैदी के प्रबन्ध में
अलम-ए-मुबारक हजरत-ए-अब्बास का जुलूस, बरामद होने पर फाजिल हुसैनी, राजा मन्नू ने जैनब लिपट के
रोयीं, अब्बास के अलम से पुरदर्द नौहा पढ़ा। इस दौरान जावेद रज़ा, अयाज़ हुसैन, अर्शी नकवी, हसन ककरौलवी, शाहनवाज, नजर मौ., असद आदि के नौहे सुनकर हुसैनी सौगवारों की आंखें
पुरनम हो गयी। जुलूस पुरानी कोठी से होता हुआ दिलशाद हुसैन मरहूम के अज़ाखाने जैदी चौक पहुंचकर
सम्पन्न हुआ। जुलूस में बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शामिल रहे।
मौहर्रम कमैटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिज़वी ने बताया कि सात मौहर्रम 3 जुलाई को जुलूस-ए-जुलजनाह छत्ता अली रजा वैली बाजार से सांय 6 बजे तथा राम बाग कालोनी से बाकर जैदी के अज़ाखाने से मजलिस के बाद 4 बजे जुलूस-ए-अलम बरामद होगा।
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