प्रतिदिन करें देखभाल, तभी होगा पर्यावरण का संरक्षण
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में बुधवार को 'एक पेड़ मां के नाम 2.0 – जग अभियान 2025' के तहत वृहद पौधा रोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने स्वयं पौधा लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि केवल पौधा लगाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी देखभाल करना और उसे वृक्ष बनने तक संरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि आज पर्यावरण संकट एक वैश्विक चुनौती बन चुका है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वन विनाश और कार्बन उत्सर्जन जैसे मुद्दों ने मानव जीवन को गंभीर खतरे में डाल दिया है। ऐसे में पौधारोपण एक आशा की किरण है, लेकिन यह कार्य महज औपचारिकता बनकर न रह जाए, इसका विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि एक पौधा लगाने के बाद उसकी नियमित रूप से देखभाल — जैसे पानी देना, खाद डालना, खरपतवार हटाना और सुरक्षा करना — भी जरूरी है। जब तक वह पौधा एक मजबूत पेड़ नहीं बन जाता, तब तक उसकी जिम्मेदारी निभाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को केवल एक दिन के आयोजन तक सीमित न रखें, बल्कि इसे एक निरंतर चलने वाली जीवनशैली बनाएं। 'एक पेड़ मां के नाम' जैसे भावनात्मक और प्रेरक अभियान हमें प्रकृति के साथ जुड़ने का अवसर देते हैं। यदि हर व्यक्ति साल में एक पौधा लगाए और उसकी जिम्मेदारी उठाए, तो न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि हमारा पर्यावरण भी शुद्ध और संतुलित रहेगा।
इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीरपाल सिंह, प्रोफेसर जितेंद्र ढाका, प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा, प्रोफेसर शैलेंद्र शर्मा, प्रोफेसर प्रशांत कुमार, डॉक्टर पवित्रदेव, डॉक्टर वैशाली पाटिल, डॉक्टर नवज्योति सिद्धू, सत्यम सिंह, अमरपाल, मीडिया सेल सदस्य मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे। विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के शिक्षक, छात्र, कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर परिसर में विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार पौधे लगाए। कुलपति ने सभी से अपील की कि वे इस अभियान को सामाजिक आंदोलन का रूप दें और अगली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित व स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण करें।
No comments:
Post a Comment