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Wednesday, July 16, 2025

फिर आठवीं बार इन जौहरियों की बदौलत ही पूरे भारत में हीरा बनकर दमका अपना इंदौर


सपना सीपी साहू 
नित्य संदेश, इंदौर। इंदौर ने लगातार आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह अपने आप में एक remarkable उपलब्धि है जो शहर के नागरिकों और नगर निगम के अथक प्रयासों को दर्शाती है। इस बार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में इंदौर को 'सुपर स्वच्छ लीग' श्रेणी में अव्वल आने के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह एक नई श्रेणी है जो उन शहरों को recognize करती है जिन्होंने स्वच्छता में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

इंदौर का यह लगातार आठवां सिरमौर बनना, पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि कैसे जनभागीदारी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति से एक शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 जुलाई 2025 को पुरस्कार प्रदान करेंगी, जिसमें इंदौर के साथ-साथ मध्य प्रदेश के अन्य 7 शहरों को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा।

इंदौर स्वच्छता में नंबर वन, लगातार आठवीं बार। यह उपलब्धि अपने आप में अद्वितीय है, क्योंकि इंदौर से पहले भारत का कोई शहर लगातार आठ बार स्वच्छता में पहले पायदान पर नहीं आया है। हालांकि सातवीं बार इंदौर ने सूरत के साथ नं एक स्थान पाया, लेकिन अपना स्थान जस का तस बनाए रखा है। यह उपलब्धि कहने को सार्वजनिक है पर इसे सबसे अधिक सफल बनाने का श्रेय आमजन, नगर निगम और प्रशासन से भी ज्यादा उन सफाई मित्रों को जाता है, जो 24 घंटे और सातों दिन अपने काम को तपस्या की तरह बड़े धैर्य और सहर्षता से कर रहे हैं। 

हमारे इंदौर के लिए निरंतर सफाई और सुंदरता के लिए समर्पित रहने वाले यह कर्मशील मित्र हमारे गौरव है और इनके सबसे बड़े योगदान के कारण हम सात बार नम्बर वन है और आठवीं बार भी आए तो इनका ही योगदान सबसे बड़ा होगा। शहर का कोई भी सार्वजनिक, धार्मिक चल समारोह हो, आयोजन हो या व्यक्तिगत बारात जो भी डिस्पोजल और फूटते पटाखों का कचरा हो यह सफाई मित्र तुरंत उठाते हैं। हमने तो रंगपंचमी की गैर में प्रत्यक्ष देखा कि सफाई मित्रों ने मात्र 45 मिनिट में सड़कों को साफ कर दिया। इंदौरी स्वच्छता कर्मी, इंदौर के लिए अदम्य भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। वे इसे एक नौकरी से बढ़कर सेवा मानते हैं। वे सूरज से भी पहले जाग जाते हैं और जब पूरा शहर सो रहा होता है, तब वे सड़कों पर झाडू लगाते हैं। सफाई वाहनों में गीला कचरा, सूखा कचरा इकट्ठा करते हैं। उनकी यूनिफार्म पर लगी धूल, गंदे दस्ताने, पसीने में तरबतर टोपी उनके अथक परिश्रम की गवाह हैं। वे इंदौर की हर गली, चौराहा, नुक्कड़, बाजार, सार्वजनिक स्थल को अपने श्रम से चमकाते हैं। हम सब मिलकर इस बात पर गर्वित है कि हम एक ऐसे शहर का हिस्सा हैं जो स्वच्छता में पूरे भारत का नेतृत्व करता है।

हम लगातार आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पुरस्कृत हुए हैं। हमारी इंदौरी सफाई मित्र इंदिरा आदिवाल दीदी, वे केवल नारायण बाग की सफाई ही नहीं करतीं बल्कि सफाई के बाद रंगोली से सड़कों को सजाती हैं। उन पर तो न्यूयार्क फिल्म फेस्टिवल पर डाक्यूमेंट्री तक दिखाई गई थी और उन्हें राष्ट्रपति द्वारा सफाई मित्र पुरस्कार से नवाजा गया है। यह इंदिरा दीदी का इंदौर से अपनत्व ही तो है, जो वह यहां की सड़कों को अपना ही आंगन समझ, अपनी कला का परिचय देकर लक्ष्मी आगमन की प्रार्थना करती है। 

नगर निगम द्वारा प्रोत्साहन हेतु "सबसे नीट अपनी बीट" जैसी प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती है, जिसमें हर माह उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाईकर्मी पुरस्कृत होते हैं। स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न संगठनों और नेताओं द्वारा भी समय-समय पर सफाई मित्रों के लिए सम्मान समारोह होते हैं जिसमें पुरस्कृत होने वाले दीदी-भैया की सूची लम्बी है। हम सब इंदौरी इस उपलब्धि को अपने सफाई मित्रों को समर्पित करते हैं। हम उनके अथक प्रयासों, निस्वार्थ सेवा को इसका प्रतीक मानते है।

वे ऐसे जौहरी हैं जिसके कारण इंदौर हीरा बनकर पूरे भारत में दमकता है। मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि वे वह सफाई कर्मी नहीं हैं, जो सिर्फ तनख्वाह के लिए काम कर रहे है बल्कि वे स्वच्छता के अग्रदूत हैं, वे इंदौर की आत्मा हैं, और वे पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और उनके सहारे ही इंदौर नौवीं बार भी नं वन आएगा।

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