नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ विनीता कुशवाहा द्वारा पुलिस लाईन में निरीक्षक/उ0नि0 स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों को मेडीकोलीगल सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में अवनीश कुमार (पुलिस अधीक्षक, अपराध) व नवीना शुक्ला (क्षेत्राधिकारी अपराध) मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज से मेडिकोलीगल एक्सपर्ट डा0 विनिता कुशवाहा ने मेरठ जनपद के विभिन्न थानो से आये लगभग 117 निरीक्षक/उ0नि0 स्तर के अधिकारियों ने मेडिकोलीगल सम्बन्धी एंव डा0 राजेन्द्र सिंह (उप निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला गाजियाबाद) द्वारा घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्य की लैबलिंग/पैकेजिंग/फोर्वर्डिग से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यशाला में दी गई जानकारी को जनपद मेरठ के सभी थानो को आनलाईन प्रसारित कर प्रशिक्षण दिया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में निम्न बिन्दुओं पर प्रशिक्षण/जानकारी दी गयी
1. मेडिको-लीगल की भूमिका और महत्व, मेडिको-लीगल केस क्या होते हैं,डॉक्टर और पुलिस के बीच समन्वय क्यों ज़रूरी है, विवेचना में मेडिकल रिपोर्ट्स का महत्व।
2. क्राइम सीन हैंडलिंग और साक्ष्य संग्रह, सीन को सुरक्षित करना: Do’s & Don'ts,एविडेंस (ब्लड, सिमेन, थूक, बाल, हड्डी) कलेक्शन,पंचनामा में मेडिकल एंगल कैसे जोड़े,साक्ष्य को फॉरेंसिक लैब तक भेजने की सही प्रक्रिया (Chain of custody)।
3. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट-पोस्टमॉर्टम में क्या-क्या विवरण मिलता है, मृत्यु का कारण, समय और प्रकृति कैसे समझें, डमी केस रिपोर्ट से उदाहरण।
4. injury- गनशॉट entry exit, ब्लंट ऑब्जेक्ट, Sharp ऑब्जेक्ट,B- Death from axphixia, Hanging, Stangulation, External and internal apperance, C-Drowning, External and internal apperance,D- Burning, External and internal apperance ।
5. विष और संदिग्ध मृत्यु, संदिग्ध विषाक्तता में प्राथमिक, कार्यवाही, Viscera Preservation की प्रक्रिया।
मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने डॉ विनीता कुशवाहा को उपरोक्त उपलब्धि हेतु बधाई दी।
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