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सिंदूर मिटाने वाले सुन,
सिंदूर सदा जगमगाएगा,
ऑपरेशन सिंदूर तुझे,
समूल नष्ट कर जाएगा।।
चूड़े की चमक, मेहंदी की महक,
को जान नहीं तू पाएगा,
तेरा नापाक लहू तुझको,
अब अपना रंग दिखाएगा।।
करके कायरता घुसा मांद में,
गीदड़ ही कहलाएगा,
अब चीर फाड़ के सिंह तुझे,
तेरी औकात बताएगा।।
है धर्म सिखाता हमें सदा,
निर्दोष न सताया जाएगा,
लेकिन तेरा वह हश्र करेंगे,
मौत को तू गिड़गिड़ाएगा।।
फौज बढ़ रही तुझे रौंदने,
सोच कहां छुप पाएगा,
अब शेरों की दहाड़ से सुन,
पूरा आकाश गूंजाएगा।
ज्योति जैन
इंदौर
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