नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। हर वर्ष 17 मई को 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस खामोश, लेकिन घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना है। वर्ष 2025 की थीम है: "अपना रक्तचाप सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबा जीवन जिएं"। यह संदेश न केवल चिकित्सकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आम जनजीवन में भी इसे अपनाने की आवश्यकता है।
हाइपरटेंशन: एक अदृश्य खतरा
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन को "साइलेंट किलर" कहा जाता है, क्योंकि यह बिना किसी स्पष्ट लक्षण के दिल, किडनी और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। इसका सबसे बड़ा कारण सोडियम है, जो मुख्यतः नमक के रूप में हमारे भोजन में शामिल होता है।
नमक छोड़ें, जीवन अपनाएं
प्रसिद्ध पैथोलॉजिस्ट और साइक्लिंग प्रेमी डॉ. अनिल नौसरान स्वयं बिना नमक के जीवन जी रहे हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। वे कहते हैं, “नमक खाना बंद करें – जीवन उससे कहीं अधिक स्वादिष्ट, सरल और सुखद हो सकता है।” उनके अनुसार सोडियम की अधिकता हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी फेल होने जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
डॉ. नौसरान के सुझाव:
1. रोज़ाना अपना रक्तचाप मापे और उसे डॉक्टर की सलाह अनुसार नियंत्रित रखें।
2. नमक का सेवन पूरी तरह बंद करें या बेहद सीमित करें।
पैक्ड, फ्रिज्ड और प्रिज़र्व्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहे, क्योंकि इनमें छुपा हुआ सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होता है।
अपने भोजन को प्राकृतिक और ताजा रखें।
3. नियमित साइक्लिंग और शारीरिक व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
4. तनाव मुक्त जीवनशैली और संतुलित आहार अपनाएं।
सकारात्मक जीवनशैली का संदेश
डॉ. नौसरान मानते हैं कि जीवनशैली में बदलाव ही हाइपरटेंशन से बचाव और इलाज का सबसे प्रभावशाली तरीका है। उन्होंने यह साबित किया है कि न केवल दवाओं से, बल्कि अपने व्यवहार और खान-पान में परिवर्तन लाकर भी स्वस्थ जीवन संभव है।
निष्कर्ष
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। रक्तचाप को नियंत्रित कर हम न केवल लंबा जीवन जी सकते हैं, बल्कि अधिक ऊर्जावान, सक्रिय और प्रसन्न भी रह सकते हैं। "अब समय है नमक छोड़िए, साइकिल पकड़िए और जीवन को भरपूर जिएं।"
No comments:
Post a Comment