नित्य संदेश ब्यूरो
नई दिल्ली। एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ नमो
भारत कॉरिडोर पर सराय काले खां स्टेशन को जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड से कनेक्ट करने
के लिए बनाए जा रहे वायडक्ट के लिए बारापुला फ्लाईओवर पर 200 टन वजनी 4 गर्डर्स वाले स्टील स्पैन को
सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। एनसीआरटीसी की टीम ने इस प्रक्रिया को
प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक
पुलिस के सहयोग से पूर्ण किया, जिसके लिए एनसीआरटीसी द्वारा
सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई और उत्कृष्ट समन्वय के साथ इस कार्य को पूर्ण किया
गया।
मीडिया
प्रवक्ता ने बताया कि नमो भारत कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों को खड़ा करने के लिए सराय काले खां
स्टेशन से कुछ ही दूरी पर जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड बनाया जा रहा है, जिसके लिए सराय काले खां स्टेशन से वायडक्ट का
निर्माण किया जा रहा है। नमो भारत कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन में वायाडक्ट के
निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर निर्माण करता है। हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेस-वे या ऐसे अन्य मौजूदा ढांचों को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक
रूप से संभव नहीं होता, इसलिए ऐसी जगहों पर पिलर्स के
बीच की दूरी को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाता है और ऐसे क्षेत्रों में वायडक्ट निर्माण
हेतु पिलर्स को जोड़ने के लिए स्पेशल स्पैन का उपयोग किया जाता है। इस लोकेशन पर भूतल पर एक नाला बह रहा है, जिसके समानांतर बारापुला फ्लाईओवर स्थित है। यहाँ नमो भारत कॉरिडोर नाले और
बारापुला फ्लाईओवर दोनों को एक ही जगह पर पार कर रहा है। इसी को पार करने के लिए 4 गर्डर वाला स्टील स्पैन बनाया गया है।
तमाम कठिनाइयों को सफलतापूर्वक पार किया
इन स्टील गर्डर्स की लंबाई 40 मीटर (प्रत्येक) है और वजन 50 टन (प्रत्येक) है। इन 4 स्टील गर्डर्स को 2 स्टेज लिफ्टिंग प्रक्रिया के
जरिए उच्च क्षमता वाली 3 क्रेन्स की मदद से स्थापित
किया गया। यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे टीम ने रात के समय निरंतर प्रयास से पूर्ण किया। नीचे बहता नाला और उसके
ऊपर बारापुला फ्लाईओवर होने की वजह से यहां पर स्टील स्पैन्स को क्रेन से उठाकर
सीधा निर्धारित पिलर्स पर रखना था, इसलिए यहां बारापुला फ्लाईओवर
की एक साइड में दो क्रेनों की मदद से स्टील गर्डर्स को एक-एक करके जमीन से उठाकर
पहले बारापुला फ्लाईओवर पर बनी सड़क पर रखा गया। इसके बाद फ्लाईओवर के दोनों ओर खड़ी
क्रेनों की मदद से गर्डरों का एक-एक सिरा दोनों तरफ से उठाकर निर्धारित पिलर्स पर
एक-एक करके स्थापित किया गया। इस कार्य के दौरान, इस लोकेशन पर नमो भारत वायडक्ट के ऊपर से गुजर रही 220 केवी की हाईटेंशन लाइन के लिए सुरक्षा कारणों से कुछ
देर के लिए दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड के सहयोग से वैकल्पिक तरीके से विद्युत
आपूर्ति की गई। ऐसी जटिल परिस्थितियों के बावजूद एनसीआरटीसी की टीम ने सभी
मानदंडों और सावधानियों का पालन करते हुए तमाम कठिनाइयों को सफलतापूर्वक पार किया।
आपस में जोड़कर स्पैन का निर्माण साइट पर ही किया
यह विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं होती हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं।
एनसीआरटीसी स्ट्रक्चरल स्टील से बने इन विशेष स्पैन के विभिन्न पार्ट्स का निर्माण
कारखानों में करता है। किसी भी तरह की ट्रैफिक समस्याओं से बचने के लिए इन पार्ट्स
को रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया
के तहत व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़कर स्पैन का निर्माण साइट पर ही किया जाता
है। इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष
तौर पर डिजाइन किया जाता है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को आम जनता
के लिए संचालित कर दिया जाए। वर्तमान में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ नमो भारत
स्टेशन के बीच 55 किमी के खंड में 11 स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेनों का परिचालन किया जा
रहा है। कॉरिडोर पर दिल्ली में सराय काले खां और न्यू अशोक नगर के बीच का 4.5 किलोमीटर का हिस्सा एक महत्वपूर्ण सेक्शन है, जिसे अगले चरण में परिचालित करने के लिए तैयार किया
जा रहा है। गत 13 अप्रैल से इस हिस्से में ट्रायल
रन किए जा रहे हैं।
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