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Saturday, April 26, 2025

आईएएस एग्जाम क्लियर नहीं करने पर युवती ने किया सुसाइड

 


शाहिद खान

नित्य संदेश, मेरठ। मेरी जिंदगी नॉर्मल है। मैंने अपनी जिंदगी में कुछ खास नहीं किया। मैं नौकरी के लिए अयोग्य हूं। मैं अपनी मर्जी से फांसी लगा रही हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।

ये बातें अंग्रेजी में लिखकर रिटायर्ड डीजीएम की बेटी ने आत्महत्या कर ली। युवती आईएएस की तैयारी कर रही थी। 4 अटैंप्ट दे चुकी थी। 4 दिन पहले यूपीएससी का रिजल्ट आया था। सिलेक्शन नहीं होने पर युवती उसी दिन फंदे से लटक गई। 4 दिन तक लाश सड़ती रही। घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने परिजनों और पुलिस को जानकारी दी। मामला गंगानगर थाना क्षेत्र के ग्रेटर गंगा कॉलोनी का है। घटना के समय परिवार महोबा गया था।

मूलरूप से महोबा के रहने वाले कांता प्रसाद शुक्ला बीएसएनएल के डीजीएम पद से रिटायर्ड हैं। बेटी प्रियंका (40) के साथ ग्रेटर गंगा कॉलोनी में परिवार के साथ रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। जिनकी शादी हो चुकी है। बेटे गुड़गांव और पुणे में नौकरी करते हैं। प्रियंका की अभी शादी नहीं हुई थी। वह आईएएस की तैयारी कर रही थी। पड़ोसियों ने बताया कि 12 अप्रैल को कांता प्रसाद और उनकी पत्नी महोबा चले गए थे। उनकी बेटी प्रियंका घर में अकेली थी। पड़ोसी ने बताया कि प्रियंका को 2-3 दिनों से हमने नहीं देखा था। शाम को सब्जी लेने जा रहा था कि अचानक कांता प्रसाद के घर से बदबू आई। हमने प्रियंका को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद हमने कांता प्रसाद और पुलिस को जानकारी दी। सूचना पर रात 9 बजे गंगानगर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो प्रियंका का शव पंखे से लटका हुआ था। वहीं कमरे में पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला। जो अंग्रेजी में लिखा था। पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, 22 अप्रैल को ही प्रियंका ने सुसाइड किया और ये नोट लिखा था। उसी दिन सिविल सर्विसेज का रिजल्ट आया था। चूंकि वो एग्जाम क्लियर नहीं कर सकी, इसलिए तनाव में आकर उसने सुसाइड कर लिया। प्रियंका 4 बार एग्जाम दे चुकी थी, लेकिन सफल नहीं हुई।

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