नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। अफ्रीका के सबसे
बड़े टेक एवं स्टार्ट-अप शो जीआईटीईएक्स ने नीति निर्माताओं, बदलावकर्ताओं और दूरदृष्टाओं
को सामुहिक चर्चा के लिए मंच प्रदान किया, जहां उन्हें विश्वस्तरीय अर्थव्यवस्था के
एक समान विकास को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग के अवसरों पर चर्चा करने का मौका मिला।
भारत में डिजिटलीकरण की
दर अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक है। देश अपने ओपन-सोर्स डिजिटल
पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम के साथ उन विकासशील देशों में भी डिजिटलीकरण को गति
प्रदान करने की क्षमता रखता है, जो आपसी सहयोग एवं ज्ञान के आदान-प्रदान द्वारा इसी
तरह की प्रणाली विकसित करना चाहते हैं। इसके अलावा एआई स्टैनफोर्ड इंडैक्स 2025 के
अनुसार भारत के पास बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली एआई प्रोफेशनल हैं, जिसके चलते एआई
प्रोफेशनल्स की नियुक्तियों में सालाना 33.39 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। ये आंकड़े
इस बात का संकेत हैं कि एआई के अडॉप्शन को बढ़ावा देने के सरकार एवं उद्योग जगत के प्रयास
कारगर हो रहे हैं।
मोरक्को में आयोजित एक
सम्मेलन के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जयंत चौधरी (राज्य मंत्री (स्वतन्त्र
प्रभार) कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, शिक्षा मंत्री भारत सरकार) ने उच्च स्तरीय
द्विपक्षीय बैठकों, पैनल चर्चाओं में हिस्सा लिया तथा अपने इनोवेशन्स का प्रदर्शन करने
वाले भारतीय स्टार्ट-अप्स के साथ बातचीत भी की। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘भारत
का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई)- डिजिटल पहचान (आधार), डिजिटल पेमेंट
(यूपीआई), ई-कॉमर्स (ओएनडीसी) और हेल्थ केयर के विकास के द्वारा बदलावकारी परिवर्तन
लेकर आया है। हम अपनी कौशल प्रणाली में तेज़ी से आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, साइबर सिक्योरिटी,
फिनटेक एवं डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को शामिल कर रहे हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें
अफ्रीकी साझेदारों के साथ जुड़ने की क्षमता है। हम एक साथ मिलकर स्थायी भागीदारियों
के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित कर सकते हैं।’’ सम्मेलन के दौरान श्री
चौधरी ने मिस अमल अल फल्लाह सेघराउचनी, मिनिस्टर ऑफ डिजिटल ट्रांज़िशन एण्ड एडमिनिस्ट्रेटिव
रिफॉर्म; प्रोफेसर अज़ेदीन अल मिदॉई, मिनिस्टर ऑफ हायर एजुकेशन, साइन्टिफिक रीसर्च एण्ड
इनोवेशन; योनेस सेक्कॉरी, मिनिस्टर ऑफ इकोनोमिक इन्क्लुज़न, स्मॉल बिज़नेस एम्प्लॉयमेन्ट
एण्ड स्किल्स; और मोहम्मद साद बेराडा, मिनिस्टर ऑफ नेशनल एजुकेशन, प्रीस्कूल्स एण्ड
स्पोट्र्स के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया। चर्चाओं के दौरान श्री चौधरी
ने एआई, रीसर्च एवं क्षमता में तालमेल की संभावनाओं पर विचार रखे; उन्होनें बताया कि
किस तरह डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर समावेशन, इनोवेशन एवं एक समान विकास को बढ़ावा
दे सकता है; और सार्वजनिक कल्याण के लिए समावेशी
टेक्नोलॉजी के निर्माण में भारत के अनुभव को साझा किया।
जीआईटीईएक्स अफ्रीका
2025 में भारत की भागीदारी ने स्किलिंग एवं डिजिटल इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के रूप
में इसकी भूमिका की पुष्टि की है। स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे प्रयासों तथा बड़े
पैमाने के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर एवं दीक्षा
के माध्यम से भारत ने दर्शाया है कि किस तरह आधुनिक टेक्नोलॉजी वाले मॉडल्स नागरिकों
को सशक्त बना सकते हैं। इन सभी प्रयासों को विश्वस्तरीय सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के रूप
में पहचाना गया है और अन्य विकासशील देशों के लिए भी अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया
है।
फोटो संख्या-21
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