नित्य संदेश एजेन्सी
बुलंदशहर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन में है. विजिटर वीजा पर आई पांच पाकिस्तानी महिलाओं में से चार को पाकिस्तान भेज दिया गया. इस दौरान महिलाएं रोती हुई नजर आईं. LIU की टीम रिश्तेदारियों में रह रही चारों पाकिस्तानी महिलाओं को लेकर अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हुई. वहीं एक पाकिस्तानी महिला की तलाश की जा रही है.पाकिस्तान की रुदाबा, नौशाबा, खालिदा और सबाहत 30 से 40 दिन के विजिटर वीजा पर अपने रिश्तेदारों से मिलने आई थीं. वीजा रद्द होने की सूचना मिलते ही सभी बुलंदशहर LIU दफ्तर पहुंचे और अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए. पाकिस्तान वापसी के दौरान एलआईयू ऑफिस में एक महिला रोने लगी. वहां मौजूद एक शख्स ने उन्हें दिलासा दिया. कहा, आप परेशान न हों, जब माहौल ठीक हो जाएगा तो दोबारा लाएंगे. इस पर महिला ने कहा- अब बहुत मुश्किल है. 12 साल बाद तो आने का मौका मिला था. अब, फिर पता नहीं कब मौका मिले.
18 पाकिस्तानी लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे : इनमें खालिदा 22 अप्रैल को नरसैना के चंदीयाना गांव आई थीं. यहां उनके भाई रहते हैं. वहीं स्याना में नौशाबा 11 अप्रैल को आई थीं. सबाहत 24 फरवरी को खुर्जा और रुदाबा 27 मार्च को बुलंदशहर आई थीं. बुलंदशहर में 18 पाकिस्तानी नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं.
भारतीय नागरिकता के लिए किया है आवेदन: ये सभी भारतीयों से विवाह कर चुकी हैं और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है. एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिक स्वयं डिपोर्ट प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. वीजा नियमों के अनुसार ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए वे सरहद पार जा रहे हैं. नसाबा खान ने बताया वह 11 अप्रैल को स्याना में कोतवाली के सामने स्थित अपनी मां और भाई के घर आई थीं. जब उनके पिता जीवित थे, तब वह हर साल मायके आती थीं, लेकिन अब लगभग 6 साल बाद आई हैं.
नसाबा की शादी पाकिस्तान के कराची स्थित गुलशन-ए-पार्क में हुई थी. उन्होंने कहा कि यदि एक या दो साल में वीजा मिल जाए, तो वह अपने मायके वालों से मिलने आ सकती हैं. नशाबा ने कहा, हत्या किसी की भी हो वह गलत है. सरकार के निर्देश पर नौशाबा को स्याना से वापस भेज दिया गया.
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