शाहिद खान
नित्य संदेश, मेरठ। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष समेत 53 कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। विधायक अतुल प्रधान ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा कि विपक्ष को प्रदर्शन का अधिकार भी छीना जा रहा है।
मामला सरधना के कालिंदी
गांव का है, जहां एक दलित दूल्हे की बारात में कथित तौर पर मारपीट की गई थी। इस घटना
के विरोध में सपा कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे थे। प्रदर्शन के दौरान डीएम डॉ. वीके
सिंह अपने कार्यालय से एनआईसी भवन जा रहे थे। कार्यकर्ताओं ने डीएम पर उन्हें नजरअंदाज
करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सिटी मजिस्ट्रेट नवीन श्रीवास्तव
ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उन्हें ज्ञापन देने से मना कर दिया। एडीएम
राजस्व व वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी और एसीएम पंकज सिंह भी मौके पर आए। कार्यकर्ता डीएम
को ही ज्ञापन देने की जिद पर अड़े रहे। स्थिति तब बिगड़ी जब एडीएम सिटी बृजेश कुमार
सिंह से कार्यकर्ताओं की तीखी बहस हो गई। पार्टी कार्यकर्ता शेरा जाट की प्रशासनिक
अधिकारी से नोकझोंक हुई। इसके बाद सिविल लाइन थाने में विपिन चौधरी, शेरा जाट, रविंद्र
समेत 50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। विपिन चौधरी ने डीएम से मिलकर मुकदमा
वापस लेने की गुहार लगाई है। डीएम ने कहा है कि जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
विधायक अतुल प्रधान का आरोप है कि मेरठ प्रशासन सरकार के इशारे पर विपक्ष को दबाने
का काम कर रहा है।
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