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Monday, March 10, 2025

डॉ. सालिकीन सिद्दीकी को शहर काजी बनाने का विरोध,बैठक में लिया जायगा निर्णय


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन की आखिरी विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा। घर से लेकर कब्रिस्तान तक हुजूम रहा। वहीं कारी शफीकुर्रहमान ने प्रो. साजिद्दीन के बेटे डॉ. सालिकीन सिद्दीकी को शहर काजी बनाने का विरोध किया। उन्होंने जनाजा उठने तक का इंतजार नहीं किया। 

शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन की आखिरी विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा। घर से लेकर कब्रिस्तान तक हुजूम रहा। देर रात शहर काजी के जनाजे में शहर के साथ ही गांव-देहात और आसपास के जनपदों से भी लोग मेरठ पहुंच गए। सड़कें भीड़ से पट गईं। गमजदा लोग नम आंखों से चिश्ती पहलवान कब्रिस्तान पहुंचे, जहां दफीना हुआ। वहीं कारी शफीकुर्रहमान ने प्रो. सालिकीन को नया शहर काजी बनाए जाने का विरोध कर दिया। इस संंबंध में एक वीडियो भी जारी किया। कब्रिस्तान में भीड़ इस कदर थी कि बाहर काफी देर तक यातायात थमा रहा। कई थानों की पुलिस यातायात व्यवस्था में लगाई गई थी। लोगों ने उनके बेटे डॉ. सालिकीन सिद्दीकी को ढांढस बंधाकर अफसोस जाहिर किया। गली-कूचों से लेकर कब्रिस्तान तक लोग शहर काजी की सादगी और फकीराना अंदाज के किस्से एक दूसरे को सुनाकर गम का इजहार करते रहे। आसपास के रहने वाले बहुसंख्यक समाज के लोग भी उनसे खास लगाव रखते थे।

एक दिन पहले ही उन्होंने होली और रमजान का जुमा होने के कारण नमाज का वक्त देर से करने की घोषणा कर सभी इमाम से ऐसा करने का आग्रह किया था। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी उनकी प्रशंसा लगातार हो रही थी। परिवार को सांत्वना देने के लिए जिलाधिकारी और एसएसपी भी शहर काजी के घर पहुंचे।

चंद लोग शहर काजी का एलान नहीं कर सकते: कारी शफीकुर्रहमान
शहर इमाम कारी शफीकुर्रहमान ने एक वीडियो जारी कर शहर काजी की मौत पर गम जाहिर किया। साथ ही प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन के बेटे डॉ. सालिकीन को शहर काजी बनाए जाने पर एतराज जताया। कहा कि शहर काजी पूरे शहर के लिए बनाया जाता है, न कि घर के लिए। ऐसे शख्स को शहर काजी बनाना सही नहीं है, जो न हाफिज है न मौलवी, और न कारी। चंद लोग मिलकर किसी बच्चे को मुसलमानों पर थोप नहीं सकते। इस मसले पर मुस्लिम मंगलवार को इकट्ठा होंगे और मशवरा कर किसी काबिल शख्स को यह जिम्मेदारी देंगे। किसी गैर आलिम को मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौजूदा हालात में किसी बच्चे पर यह बोझ डालना मजाक है।


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