नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान
विभाग के एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी के छात्रों ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.
संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन, विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र
सिंह के निर्देशन और शिक्षक डॉ. दिनेश पंवार एवं डॉ. लक्ष्मण नागर के नेतृत्व में
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन हरिद्वार एवं वन अनुसंधान
संस्थान देहरादून का शैक्षिक भ्रमण किया।
इस यात्रा का उद्देश्य छात्रों को औषधीय सूक्ष्मजीव विज्ञान, औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी, वनस्पति रोग विज्ञान और पर्यावरणीय माइक्रोबायोलॉजी
के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में छात्रों ने हर्बल गार्डन का दौरा किया, जहां डॉ. प्रशांत एवं डॉ. सुमित तिवारी इंचार्ज
पतंजलि योगपीठ संस्थान ने छात्रों को विभिन्न औषधीय
पौधों में उपस्थित एंडोफाइटिक बैक्टीरिया और फंगी की भूमिका को समझाया, जो फाइटोकेमिकल्स के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं और औषधीय यौगिकों के संश्लेषण में सहायक होते हैं।
छात्रों ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून का भ्रमण किया, जहां डॉ. मनोज कुमार वैज्ञानिक ने छात्रों को फॉरेस्ट पैथोलॉजी लैब में
वृक्षों को प्रभावित करने वाले रोगजनकों जैसे फंगी, बैक्टीरिया और वायरस के प्रभावों को समझाया। उन्होंने बताया
कि कैसे सूक्ष्मजीवों के उपयोग से वनस्पति रोगों का नियंत्रण किया जाता है और
जैविक नियंत्रण (बायोकंट्रोल) पद्धतियों को विकसित किया जाता है। भ्रमण के प्रभारी
डॉ. दिनेश पंवार ने इस यात्रा को छात्रों के लिए औद्योगिक और शोध आधारित
माइक्रोबायोलॉजी की व्यावहारिक समझ विकसित करने वाला अनुभव बताया, जिससे उन्हें प्रयोगशाला तकनीकों और प्राकृतिक
उत्पादों में सूक्ष्मजीवों की भूमिका के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मिली।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शोध-आधारित
भ्रमण छात्रों को अकादमिक उत्कृष्टता एवं नवाचार की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक
होते हैं, जिससे वे सूक्ष्मजीव विज्ञान के
व्यावसायिक और अनुसंधान आधारित अनुप्रयोगों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
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