नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। भाजपा सरकार का किसान
विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया। चीनी मिल मालिकों के दबाव में सरकार ने गन्ने
का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया। जिससे फिर एक बार साबित हो गया कि यह सरकार पूंजीपतियों
के इशारे पर कार्य करती है, गरीब, मजदूर, किसानों को कुचलने का कार्य कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन इंडिया
के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप तितौरिया ने कहा कि आज तक आंदोलनरत् किसानों की मांगे भी
नहीं मानी गई। जिससे साबित हो गया है कि एक बार फिर से सभी किसान संगठनों के एक झंडा
और एक बैनर के नीचे आकर संयुक्त रुप से आंदोलन करना पड़ेगा। क्योंकि आपसी फूट का फायदा
सरकार उठा रही है। आज कई किसान संगठन सरकार और पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रहे
हैं। नाम तो किसान संगठनों का है और काम किसानों के विरुद्ध कर रहे हैं। इस सम्बन्ध
में यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से समय लेकर अपना मांग-पत्र प्रस्तुत करेगा,
यदि मांगें नहीं मानी जाती तो सभी किसान यूनियनों को एकत्र कर आंदोलन की रुप रेखा तैयार
की जाएगी।
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