अंकित जैन
नित्य संदेश, मुजफ्फरनगर। पचेंडा रोड स्थित पीआर पब्लिक स्कूल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म दिवस बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर विशेष प्रातः कालीन सभा का आयोजन किया गया । स्कूल प्रबंधक अशोक सिंघल, स्कूल निदेशक अनघ सिंघल तथा प्रधानाचार्या मानसी सिंघल द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। बच्चों द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व से संबंधित भाषण और कविता पाठ प्रस्तुत किए गए। शिक्षिका बीना वत्स ने बच्चों को सुभाष के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उनके जन्म दिवस को हम *पराक्रम दिवस* के रूप में मनाते हैं। नेताजी को जन्म के सवा सौ वर्षों के बाद भी यदि आज हम याद कर रहे हैं तो उसके कुछ ख़ास कारण हैं। उनका व्यक्तित्व विशाल था और कृतित्व अद्भुत। नेताजी के जीवन से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
पहली सीख यह कि व्यक्ति जो कुछ भी करें, वह न तो किसी के दबाव में करे और न ही किसी के प्रभाव में। सदैव अपने स्वभाव से कार्य करना चाहिए। दूसरी महत्वपूर्ण सीख ये कि नेताजी के जीवन से यह मिलती है कि हमें अपने व्यवहार में शिष्टाचार, वाणी में मधुरता और व्यक्तित्व में निष्ठा को शामिल करना चाहिए।
स्कूल प्रधानाचार्य मानसी सिंघल ने बच्चो को बताया कि अध्यन और चिंतन ने उनके ज्ञान के स्तर को उच्च शिखर पर ला दिया था। वे पद और प्रभाव के आभामंडल में घिरने वाले व्यक्ति नहीं थे। यही कारण था कि 1920 में उन्होंने इंग्लैंड में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन राष्ट्र प्रेम उन्हें 1921 में स्वतंत्रता आंदोलन की ओर ले आया। सन 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अंडमान निकोबार के एक द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा, जिसे नेताजी ने आजाद कराया था। देशवासियों को सुभाष चंद्र बोस के अतुलनीय संघर्ष को सदा के लिए याद दिलाने के लिए इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के पास कर्तव्यपथ पर उनका स्टैच्यू स्थापित कराया।
स्कूल प्रबंधक अशोक सिंघल ने भी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने साहस का परिचय दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प ले सकते हैं। उन्होंने देश की अखंडता और अपने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं किया। आओ भारत के इस महान वीर सपूत को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दें और उनके जीवन को हमारे आचरण में उतारते हुए देशभक्ति की भावना अपने मन में जगाए।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं में आकृति बंसल, तनीषा, अंशिका शर्मा, सृष्टि ,खुशी, तन्मय, सौम्या, सत्यम, समर्थ, आशी, जानवी, ईशानी का नाम शामिल है. आज के इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में दिव्या शर्मा, प्रवीण कुमार, अजय कुमार, शंकर शर्मा आदि का विशेष योगदान रहा।
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