सम्भावित कडाके की ठंड के मद्दे नज़र जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने चेताया
नित्य संदेश ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व गजेंद्र कुमार ने बताया कि अभी पारा और अधिक गिरेगा, ऐसे मे कडाके की सम्भावित ठंड के मद्दे नज़र जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जनपद के लोंगो को सलाह दी है कि वह शीतलहर से बचाव के लिए तैयारी रखे, ताकि जान माल के नुकसान से बचा जा सके।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि पर्याप्त सर्दियों के कपड़े पहने। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें। शीतलहर के दौरान फ्लू, बहती/भरी हुई नाक या नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती है या बढ़ जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें। उन्होने बताया कि जितना हो सके घर के अंदर रहे और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढीले फिटिंग, हल्के, विंडप्रूफ गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहने। टाइट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन को कम करते हैं। दस्ताने पहने क्योंकि दस्ताने ठंडक से गर्मी और इंसुलेशन प्रदान करते हैं क्योंकि उंगलियां अपनी गर्मी साझा करती हैं और ठंड के लिए कम सतह क्षेत्र को उजागर करती है। ठंडक से बचने के लिए टोपी और मफलर का प्रयोग करें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार ले। पर्याप्त इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिय, क्योंकि गर्म पेय पदार्थ ठंडक से लड़ने के लिए शरीर को गर्मी करती है। तेल, पेट्रोलियम जेली या बॉडी क्रीम से नियमित रूप से शरीर की मालिश करें क्योंकि यह त्वचा को नमी प्रदान करते हैं। शीतलहर के संपर्क में आने पर हाथ पैर की उंगलियों, कानों और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेद या पीलापन दिखना, शीतलहर के लक्षण है जिसके प्रति सतर्क रहे। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कंपकंपी को नजरअंदाज ना करें। शीतलहर के प्रभाव का यह एक महत्वपूर्ण संकेत है, शरीर गर्मी खो रहा हो तो जल्द से जल्द घर के अंदर गर्म स्थान पर रहने का प्रयत्न करें। फ्रॉस्टबाइट/हाइपोथर्मिया से पीड़ित कोई व्यक्ति शरीर के तापमान में कमी के कारण कंपकंपी, बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों में अकड़न, भारी स्वास, कमजोरी और चेतना का नुकसान हो सकता है।
हाइपोथर्मिया एक आपातकालीन चिकित्सा है जिसके लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है। पालतू-जानवरों को शीतलहर से बचने के लिए जानवरों को बाड़े के अंदर ले जाए एवं ख्याल रखें। एनडीएमए द्वारा जारी किया गया मोबाइल एप (First Aid for Student and Teachers) FAST and SACHET मोबाइल एप डाउनलोड करें।
क्या ना करें...
लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचे। शराब न पिएं क्योंकि यह शरीर के तापमान को कम करती है, रक्त वाहिकाओ को संकुचित करती है। ठंडे से प्रभावित अंग की मालिश ना करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। कंपकंपी को नजरअंदाज ना करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है- घर के अंदर शरण ले। प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दें जब तक की पूरी तरह से सचेत न हो जाए।
उन्होने बताया कि शीतलहर के दौरान, जानवरों और पशुधन को जीविका के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ जाती है। भैंसों/मवेशियों के लिए इस मौसम के दौरान जानवरों में तापमान में अत्यधिक भिन्नता पशुओं की प्रजनन दर को प्रभावित कर सकती है। ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क से बचने के लिए रात के दौरान सभी तरफ से जानवरों के आवास को ढक दे।
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