Breaking

Your Ads Here

Sunday, December 29, 2024

हिमांशु का एमेजॉन में सुनहरा सफर, समावेशी कार्यस्थल में मुश्किलों को मौकों में बदलने की कहानी



नित्य संदेश ब्यूरो 

नई दिल्ली: कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो जीवन में आने वाली मुश्किलों के कारण ही साहस और मजबूती की शानदार मिसाल बन जाती हैं। एमेजॉन अलग- अलग तरह के विचारों और अनुभवों की ताकत को समझता हैइसीलिए कंपनी की समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता को हिमांशु सिंह जैसे व्यक्तियों के योगदान से देखा जा सकता है। हिमांशु जो एक फुलफिलमेंट सेंटर एसोसिएट हैं और एक पर्सन विथ डिसेबिलिटी व्यक्ति हैंउन्होंने अपनी लगन और सीखने की चाह से सबको प्रेरित किया है। एक समावेशी समुदाय के सपोर्ट से उनका यह सफर एमेजॉन के उस माहौल को दिखाता हैजहां हर किसी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।

दिल्ली-एनसीआर के हिमांशु जन्म से ही श्रवण बाधित थे। उनके माता-पिता ने उन्हें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर भरपूर सहयोग किया। शुरुआती कठिनाइयों  जैसे कि सुनने की मशीन और स्पीच थैरेपी से उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिलने के बावजूद वह निराश नहीं हुएउनकी जिंदगी में बदलाव तब आया जब उन्होंने ऐसे स्कूल में दाखिला लियाजो श्रवण बाधित छात्रों की जरूरतों के अनुसार बना था। वहां उन्होंने साइन लैंग्वेज सीखीजो उनके लिए संवाद माध्यम बन गई। इस नए कौशल से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाबल्कि उन्हें यह भी समझ आया कि उनकी पर्सन विथ डिसेबिलिटी उनकी पहचान नहीं है। और यही समझ उनकी जिंदगी का वह मोड़  बनी जिसने साबित किया कि दृढ़ निश्चय से वह हर मुश्किल को पार कर जीवन में अपने सपनों को पूरा  कर सकते हैं।

हालांकि हिमांशु को अन्य पर्सन विथ डिसेबिलिटी व्यक्तियों की तरह सामाजिक भेदभाव और समझ की कमी का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके धीरज रखने की क्षमता के साथबदलाव लाने के दृढ़ निश्चय ने उन्हें सभी मुश्किलों से ऊपर उठने में मदद की। संवाद के प्रति उनके जुनून के चलते वह साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर बनने के लिए प्रेरित हुएजिससे वे अन्य पर्सन विथ डिसेबिलिटी व्यक्तियों को बाधाओं को पार करने तथा आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सके।

उनके पेशेवर जीवन ने असली रफ्तार तब पकड़ी जब वर्ष 2022 में उन्हें एमेजॉन साइट पर काम करने का मौका मिला। यह मौका उन्हें एक एनजीओ द्वारा मिला। वह बताते हैं कि इंटरव्यू प्रक्रिया समावेशी और उनकी क्षमताओं पर आधारित थी। वह कहते हैं, "चयन मेरे कौशल के आधार पर हुआऔर प्रक्रिया काफी प्रोत्साहित करने वाली और समावेशी थी।"

एमेजॉन में हिमांशु को काम करने का सुनहरा मौका मिला और साथ ही सहयोगपूर्ण वातावरण भी मिलाजिसने उन्हें तरक्की करने में मदद की। कंपनी ने साइनएबल के साथ साझेदारी की हैजो 24/7 साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर की सुविधा देने वाला एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इससे काम के दौरान संवाद की सभी चुनौतियों को पार करना उनके लिए आसान हो गया। वह आगे बताते हैं कि, "एमेजॉन ने मुझे साइनएबल जैसे टूल्स और साइन लैंग्वेज में सीखने के संसाधन दिए हैंजिससे मैं अपना काम और भी सुलभ और आनंददायक तरीके से कर पा रहा हूं।"

हिमांशु की जिंदगी के सफर की कहानी केवल किसी एक व्यक्ति के आगे बढ़ने की कहानी नहीं हैबल्कि लोगों को जागरूक करने और समावेशिता को बढ़ावा देने की भी है। अपने काम और बातचीत से वह दिव्यांग व्यक्तियों को बड़े समुदाय से जोड़ने का प्रयास करते हैंताकि समझ और समावेशिता को बढ़ाया जा सके। वह बताते हैं, "मेरी सबसे बड़ी मुश्किल लोगों में दिव्यांगता के प्रति जागरूकता की कमी थी। कई लोग हमारी जरूरतों और क्षमताओं को समझ ही नहीं पाते थे। इसे दूर करने के लिए मैं अपने आसपास के लोगों को शिक्षित करनेअपने अनुभव साझा करने और बेहतर समझ के लिए जागरूकता फैलाने में जुट गया । अबमैं एक अधिक समावेशी और जागरूक वातावरण बनाकर दूसरों की भी इसी तरह मदद करने के लिए समर्पित हूं।"

हिमांशु की कहानी उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैजो इसी तरह की राह पर चल रहे हैं। उनकी सलाह सरल लेकिन गहरी है: "उम्मीद मत खोइए। सीखते रहिएअपने कौशल को निखारते रहिए और खुद पर विश्वास रखिए। मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।"

एमेजॉन इंडिया सभी को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए समान मौके देने वाली समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है। कंपनी सिर्फ लैंगिक विविधता का ही ध्यान नहीं रखतीबल्कि महिलाओंएलजीबीटीक्यूआईए+ समुदायसैन्य दिग्गजों और दिव्यांग व्यक्तियों जैसे अल्प प्रतिनिधित्व वाले समूह का भी पूरा ध्यान रखती है। एमेजॉन के लिए विविधता मात्र एक मूल्य नहीं हैबल्कि यह इनोवेशनग्राहकों की समझ और बेहतर निर्णय लेने की बड़ी ताकत की तरह है। इनकी प्रतिबद्धता को कंपनी की नीतियोंकार्यक्रमों और पहलों में साफ तौर पर देखा जा सकता हैजो कार्यस्थल में विविधतासमानता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं।



No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here