नित्य संदेश डेस्क: क्या बात है माँ साहब ,आज बड़ी टेंशन में दिख रही हो? रविवार के हाट बाजार में पास की सब्जी की दुकान पर बैठे आदमी ने सब्जी वाली बुढ़िया से पूछा। हां भैया, अभी तक सब्जी की बोनी भी नहीं हुई है। चिंता मत करो, माँ साहब जो हमारी किस्मत में है वह हमसे कोई नहीं छीन सकता। तभी एक लड़का आता है पूछता है मां साहब यह प्याज कैसे दिए ? ₹50 किलो बुढ़िया बोली। 40 के लगाओगे क्या? कितने लोगे बेटा? 5 किलो, लड़का बोला, ₹10 का धनिया और ₹10 की हरी मिर्ची भी दे दो। बुढ़िया ने सारे प्याज तोल दिए । शाम होते होते की सारी सब्जी बिक गई और पास वाली दुकान पर भी ग्राहक आने लगेl
चेहरे पर मंद मुस्कान लिए साड़ी के कपड़े की पोटली बनाते हुए बोली भैया, सही कहा तुमने कि, जो हमारी किस्मत में है वह जरूर मिलेगा। सब्जी बिक गई। ठंड पड़ रही है। मुझे पोती के लिए स्वेटर लेकर जाना है। स्वेटर देखकर वह खुश हो जाएगी, चलती हूं। ठीक है मां साहब, अब अगले हाट में मिलते हैं राम-राम।
शीला बड़ोदिया
इंदौर
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