नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: दिसंबर महीने की समाप्ति पर सर्दी ने लोगों पर असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्राइवेट अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में बड़ी संख्या में बीपी बढ़ने और हार्ट अटैक की शिकायत के मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार सर्दी में लापरवाही रक्तचाप और दिल के मरीजों पर भारी पड़ सकती है।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष एवं महानगर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संदीप जैन ने बताया कि सर्दियों में शरीर में केटीकोलामिन का रिसाव बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर यानी रक्तचाप को प्रभावित करता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हैमरेज और हार्टअटैक का खतरा रहता है। ब्लड प्रेशर या दिल के मरीजों के लिए सर्दियों में सुबह चार बजे से 10 बजे तक का समय सबसे खतरनाक रहता है, क्योंकि यही वह समय है जब केटीकोलामिन का रिसाव सबसे अधिक रहता है। उन्होंने बताया कि दिल के मरीजों को कोहरे में बाहर निकलने से बचना चाहिए, साथ ही अपनी मर्जी से दवा घटानी या बढ़ानी और छोड़नी नहीं चाहिए।
इन लोगों को अधिक खतरा
-धूम्रपान करने वालों और अधिक शराब पीने वालों को।
-अधिक नमक खाने वालों और मोटे लोगों को।
हाई बीपी के नुकसान
- एंजाइना, हार्टअटैक आना या हार्टफेल होना, हार्ट का फैल जाना या अचानक से धड़कन रुक जाना।
- दिमाग की नस बंद होना, नस का फट जाना या फिर अधरंग और पैरालिसिस का होना।
- गुर्दे फेल होना और हाथों और पैरों का फूल जाना।
- आंख का पर्दा खराब होना या आंख में ब्लड का जम जाना।
हार्ट अटैक के लक्षण
- छाती के बीचोबीच दर्द का होना और दर्द का हाथ की तरफ जाना।
- छाती के दर्द का गले में जाना।
- छाती के दर्द के साथ पसीना आना और सांस फूलना
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